नई दिल्ली: कोरोना महामारी के प्रकोप के बीच दिल्ली में डेंगू-मलेरिया जैसी वेक्टर जनित बीमारियां अपने पैर पसार रही हैं. नगर निगम के आंकड़े बताते हैं कि डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया के मामले बीते सालों के मामलों की तुलना में कहीं अधिक तेजी से बढ़ रहे हैं. मॉनसून से पहले की ये तेजी आने वाले दिनों में चिंता की वजह भी बन सकती है.
दिल्ली में अब डेंगू-मलेरिया और चिकनगुनिया का खतरा नगर निगम के आंकड़े बताते हैं कि बीते साल 2019 में 9 मई तक मलेरिया के कुल 4 मामले सामने आए थे. हालांकि इस बार यह आंकड़ा अब तक 18 पहुंच चुका है. 2019 में इस वक्त तक डेंगू के भी 69 मामले थे जबकि 2020 में यह 14 हो गए हैं. खास बात है कि जिस चिकनगुनिया को लेकर यह धारणा बन रही है कि ये बीमारी काबू में है वो भी अब तक 10 लोगों को ग्रसित कर चुकी है.
क्या कहते हैं अधिकारी
निगम अधिकारी बताते हैं कि कोरोना महामारी के चलते निगमों का लगभग हर काम प्रभावित हुआ है. जिन कर्मचारियों को डेंगू मलेरिया की रोकथाम के लिए लगाया जाता था, उन्हें अब सैनिटाइजेशन के लिए या किसी अन्य काम के लिए कहा जा रहा है. हालांकि इन वेक्टर जनित बीमारियों को भी नजरअंदाज नहीं किया गया है. वह बताते हैं कि इलाकों में सर्वे लगातार हो रहे हैं.
बरती जा रही ढीलाई
उधर निगम के ही आंकड़े ही बताते हैं इस बार स्प्रे से लेकर चालान करने तक में थोड़ी ढीलाई बरती गई है. तीनों निगमों के आंकड़ों को मिला है, तो अब तक यहां कुल 915 घरों में लार्वा पाया गया है.
कार्रवाई के मामले में साउथ एमसीडी ने जहां 398 लोगों के चालान किए हैं. वहीं नॉर्थ ओर ईस्ट एमसीडी में यह आंकड़ा जीरो है. उम्मीद की जा रही है कि जल्दी ही इसकव लेकर एक विस्तृत प्लान पर काम किया जाएगा.