नई दिल्ली: आगामी 22 जनवरी को अयोध्या धाम में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का दिन हर लिहाज से ऐतिहासिक बनने जा रहा है, जिसके लिये देश भर में सभी वर्गों के लोगों में बेहद उत्साह और उमंग दिखाई दे रही है. यही कारण है कि राम मंदिर की ये तारीख देश में आगामी महीने में लगभग 50 हजार करोड़ से अधिक के अतिरिक्त व्यापार का सृजन करेगी. देश में इस अतिरिक्त व्यापार की मांग को पूरा करने के लिए सभी राज्यों में व्यापारियों ने व्यापक तैयारियां कर ली हैं. यह बतें कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कही. साथ ही उन्होंने कहा कि इससे यह सिद्ध होता है कि सनातन अर्थव्यवस्था की जड़ें भारत में बहुत गहरी हैं.
प्रवीन खंडेलवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से आग्रह किया है कि 22 जनवरी को 'राम राज्य दिवस' के रूप में घोषित किया जाए. क्योंकि राम भारत की प्राचीन संस्कृति, सभ्यता एवं मर्यादा के प्रतीक हैं और राम का राज सही अर्थों में इन सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं का साक्षात दर्शन है. उन्होंने बताया कि विश्व हिंदू परिषद के आह्वान पर देश भर में राम मंदिर के उद्घाटन को लेकर जिस अभियान को 1 जनवरी से चलाने की घोषणा की गई है और जो उत्साह देश भर के लोगों में दिखाई दे रहा है, उसने देश के सभी राज्यों में व्यापार के बड़े अवसर दिखाई दे रहा हैं. यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आगामी जनवरी के महीने में 50 हज़ार करोड़ रुपये से अधिक का व्यापार होगा.
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