नई दिल्ली/सहारनपुर: एक ओर जहां कोरोना की दूसरी लहर का कहर जारी है. वहीं राजीनीतिक गलियारों में 2022 के युपी चुनाव को लेकर हलचल शुरू हो गई है. एक तरफ सत्तारूढ़ बीजेपी में प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं है दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी ने भी मुस्लिम कार्ड खेलना शुरू कर दिया है. पार्टी हाईकमान ने पश्चमी यूपी के मुस्लिम कद्दावर नेता कहे जाने वाले इमरान मसूद (Congress Leader Imran Masood) पर बड़ा दांव खेला है. हाईकमान ने इमरान मसूद को सिर्फ राष्ट्रीय सचिव नहीं बनाया है, बल्कि दिल्ली प्रदेश का प्रभारी भी नियुक्त किया है. जिसके बाद इमरान मसूद समर्थकों में जश्न का माहौल बना हुआ है. इमरान मसूद को पश्चमी यूपी में कांग्रेस बड़े चेहरे के तौर पर देखती है. इमरान मसूद पहले उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष भी रह चुके हैं. इमरान मसूद को राष्ट्रीय सचिव बनाने के कई मायने निकाले जा रहे हैं.
जानिए कौन है इमरान मसूद
इमरान मसूद का पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में बड़ा कद माना जाता है. कई बार अपने विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं. 2007 के विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव 2019 तक सभी चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन 2007 को छोड़कर हर बार करारी हार का सामना करना पड़ा. हालांकि 2007 के विधानसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में मुजफ्फराबाद ( वर्तमान में बेहट ) सीट से पहली और आखरी बार विधायक चुने गए थे. उस वक्त इमरान मसूद ने सपा के मंत्री जगदीश राणा को हराया था. इमरान मसूद नगर पालिका होते हुए सहारनपुर में नारपालिका अध्यक्ष भी रह चुके हैं.
पारिवारिक बॉयोग्राफी
इमरान मसूद का जन्म सहारनपुर के कस्बा गंगोह में हुआ था. उन्होंने यूपी बोर्ड से 1987 में एचआरई कॉलेज गंगोह से इंटरमीडिएट पास किया था. इसके बाद उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री प्राप्त की. उनकी पत्नी साईमा मसूद डायटीशियन हैं. इमरान और साईमा की पांच बेटियां हैं. उनके भाई नोमान मसूद भी दो बार गंगोह विधान सभा से चुनाव हार चुके हैं, जबकि नोमान मसूद कस्बा गंगोह में नगर पालिका अध्यक्ष रह चुके हैं.
विवादित बयान देकर चर्चाओं में रहते है इमरान