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नुक्कड़ नाटक के माध्यम से समझाया जाएगा शिक्षा का महत्व, सोमवार से होगी शुरुआत - सोमवार से किया जाएगा नुक्कड़ नाटक का आयोजन

दिल्ली के 136 क्लस्टर में 136 नुक्कड़ नाटक का आयोजन सोमवार से (Street play will be organized in Delhi) किया जाएगा. नुक्कड़ नाटक के पीछे का मकसद सामुदायिक भागीदारी को बढ़ाना और लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में बताना है. (Importance of education will be explained)

Importance of education will be explained
Importance of education will be explained

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Published : Jan 8, 2023, 1:58 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में शिक्षा का महत्व और शिक्षा क्यों जरूरी है, इसे लेकर नुक्कड़ नाटक (street plays in Delhi) के माध्यम से लोगों को समझाया जाएगा, जिससे लोग शिक्षा के महत्व को समझें और अपने बच्चों को शिक्षा के अधिकार से वंचित न रखें. नुक्कड़ नाटक का यह अभियान सोमवार यानी 9 जनवरी से शुरू हो रहा है. इस संबंध में समग्र शिक्षा दिल्ली की ओर से एक परिपत्र जारी किया गया है. परिपत्र में कहा गया है कि दिल्ली के 136 क्लस्टर में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा. इस नुक्कड़ नाटक के पीछे का मकसद है लोगों के बीच में शिक्षा के महत्व को लेकर जागरूकता फैलाना और स्कूलों में कम हो रही नामांकन की स्थिति में सुधार लाना.

'समग्र शिक्षा दिल्ली' की ओर से नुक्कड़ नाटक को लेकर कुछ दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. जैसे कि 136 क्लस्टर में 136 नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा. 13 जिलों के प्रत्येक क्लस्टर में नुक्कड़ नाटक का आयोजन किया जाएगा. प्रत्येक कार्य दिवस पर 5-7 क्लस्टरों में नुक्कड़ नाटक कर सुनिश्चित किया जाएगा कि गतिविधि को समय पर पूरा किया जा सके. संबंधित जिले का डीयूआरसीसी नुक्कड़ नाटक टीम को उनके समूहों के प्रमुख स्थानों पर अभिनय करने के लिए मार्गदर्शन करेगा, ताकि माता-पिता की अधिकतम भागीदारी और सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित की जा सके. एक निजी संस्था की मदद से कलाकार 'शिक्षा के महत्व' के विषय पर नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन करेंगे. नुक्कड़ नाटक का समय सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक होगा. सभी कार्य दिवसों पर प्रत्येक नुक्कड़ नाटक की अवधि 15-20 मिनट की होगी. हर जिले में नुक्कड़ नाटक के सफल समापन के बाद, डीयूआरसीसी नुक्कड़ नाटक टीम को विधिवत हस्ताक्षरित और मुहर लगी प्रदर्शन फीडबैक फॉर्म जमा करेगा.

दिल्ली के सरकारी स्कूलों में 1 जनवरी से 15 जनवरी तक शीतकालीन अवकाश है. इस शीतकालीन अवकाश के दौरान जो बच्चे स्कूल के बाहर रहते हैं, उनकी पहचान कर उनका नज़दीक के स्कूल में नामांकन कराने के लिए रिकॉर्ड बनाया जाएगा. इसके लिए समग्र शिक्षा दिल्ली के तत्वावधान में सर्वे टीम का गठन किया गया है.

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