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दिल्ली की मस्जिदों के इमाम परेशान, पिछले 3 महीने से नहीं मिली सैलरी - Not found Salary

दिल्ली की कई मस्जिदों में इमामों को पिछले 3 महीने से सैलरी नहीं मिली है. दिल्ली सरकार ने सैलरी बढ़ाने का वादा किया था लेकिन पहले की ही सैलरी ना मिलने से इमामों में नाराजगी और निराशा है.

पिछले 3 महीने से मस्जिद के इमामों के नहीं मिली सैलरी

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Published : Apr 7, 2019, 7:04 AM IST

नई दिल्ली:दिल्ली सरकार और बोर्ड द्वारा मस्जिद के इमाम और मौज्जिन (अज़ान देने वाला) की तनख्वाह बढ़ाए जाने का ऐलान किया गया था, लेकिन सैलरी बढ़ना तो दूर बल्कि पिछले कई महीनों से रेगुलर सैलरी भी नहीं मिल सकी है.

इतना ही नहीं दिल्ली वक्फ बोर्ड के दायरे में आने वाले एकमात्र मदरसा आलिया अरेबिया, फतेहपुरी के टीचरों की तनख्वाह भी 3 महीने से लटकी हुई है. अपनी इस परेशानी को लेकर मदरसे और इमामों ने कई बार दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन से मुलाकात कर अपनी तनख्वाह जल्द देने का देने की मांग की है. बोर्ड की तरफ से भी सभी को जल्द सैलरी मुहैया कराए जाने का आश्वासन दिया गया है.

पिछले 3 महीने से मस्जिद के इमामों के नहीं मिली सैलरी

दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने कई महीने पहले हुए एक समारोह में मस्जिदों के इमाम और मौज्जिन कक सैलरी बढ़ाए जाने को लेकर बाकायदा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ऐलान कराया था.

पिछले 3 महीने से रुकी है सैलरी
इतना ही नहीं उन्होंने तो यहां तक दावा किया था कि बोर्ड से जुड़ी मस्जिदों के इमामों की तनख्वाह जनवरी महीने से ही बढ़ कर आएगी, लेकिन अफसोस कई महीने बीतने के बावजूद दिल्ली सरकार का ये ऐलान इमामों के लिए एक अड़ंगा बनकर रह गया है. दरअसल, पिछले 3 महीनों से उनकी सैलरी रुकी हुई है. जिसके चलते उनके सामने अपना जीवनयापन करने की भी परेशानी खड़ी होने लगी है.

अपनी जिद पर अड़े हुए हैं चेयरमैन
दिल्ली में बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान दिल्ली सरकार से एलान की गई मामू की बढ़ी हुई तनख्वाह की मांग कर रहे हैं, जबकि अफसरों का कहना है कि जब तक संबंधित विभाग से अप्रूवल नहीं मिलता और वो आर्डर जारी नहीं करते हैं तब तक बढ़ी हुई तनख्वाह नहीं दी जा सकती.

चेयरमैन अमानतुल्लाह खान जिद पर अड़े हैं और वो बोर्ड के इमामों की पुरानी सैलरी जारी करने के लिए भी दस्तखत नहीं कर रहे हैं. सूत्र बताते हैं कि चेयरमैन और अफसरों के बीच की इस खींचतान के चलते इमामों की तनख्वाह पिछले 3 महीने से लटकी हुई है.

सैलरी बढ़ाने का ऐलान लगता है चुनावी स्टंट
लोगों का कहना है कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के समारोह में सीएम केजरीवाल द्वारा मस्जिद के इमामों की सैलरी बढ़ाई जाने का ऐलान जानबूझकर ऐसे समय में किया गया था कि उसका राजनीतिक लाभ उठाया जा सके.

इमामों की सैलरी बढ़ाई जाने को लेकर राजनीतिक गलियारों में भी खासी चर्चा हुई थी हर किसी का कहना था कि केजरीवाल इस मामले को भी राजनीतिक स्टंट के तौर पर इस्तेमाल करना चाहते हैं. हद तो यह है इमामों की सैलरी बढ़ाये जाने का ऐलान बिना किसी सरकारी अफसर से सलाह के कर दिया गया.

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