नई दिल्ली:बाबा रामदेव की ओर से मेडिकल साइंस को लेकर दिए गए बयान के बाद अलग-अलग डॉक्टर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर कर रहे हैं. वहीं इसके बाद एलोपैथी और आयुर्वेद को लेकर बहस एक बार फिर शुरू हो गई है, जहां एलोपैथी के डॉक्टर बाबा रामदेव के इस बयान की कड़ी निंदा कर रहे हैं. यहां तक कि उनकी गिरफ्तारी की मांग कर चुके हैं. वहीं दूसरी तरफ आयुर्वेद और होम्योपैथी के डॉक्टर बाबा रामदेव के बयान का समर्थन कर रहे हैं और एलोपैथी के डॉक्टर्स को अपनी गलती मानने के लिए कह रहे हैं.
'रामदेव का बयान शर्मनाक'
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के नेशनल जॉइंट सेक्रेटरी और दिल्ली मेडिकल काउंसिल के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर नरेश चावला का कहना है कि कुछ साल पहले तक बाबा रामदेव को योग योग गुरु बाबा रामदेव के रूप में जान रहे थे. उनके योग और व्यायाम को लेकर बताए गए रास्ते पर चल रहे थे, लेकिन एलोपैथी को लेकर दिए गए बयान के बाद न केवल डॉक्टर बल्कि आम लोग भी उनकी कड़ी निंदा कर रहे हैं और उनके इस बयान से बेहद निराश हैं. डॉ चावला ने कहा कि मौजूदा समय में सभी डॉक्टर और स्वास्थ्य कर्मी इस महामारी से लड़ाई में अहम भूमिका निभा रहे हैं. दिन-रात मरीजों की सेवा में लगे हुए हैं. ऐसे में स्वामी रामदेव का यह बयान बेहद ही शर्मनाक है.
संबंधित खबर- IMA ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, बाबा रामदेव के खिलाफ कार्रवाई की मांग
'प्रचार के लिए बयानबाजी कर रहे रामदेव'
डॉ चावला ने कहा कि पहले स्वामी रामदेव ने एलोपैथी को लेकर आपत्तिजनक बयान दिया और उसके बाद उन्होंने कई बीमारियों को लेकर 25 सवाल पूछ डाले. यह बेहद ही निराशाजनक है क्योंकि मॉडर्न मेडिसिन कई सालों की रिसर्च और एक्सपोर्ट की निगरानी की साथ काम करती है. यदि दवाओं को बदला जाता है तो वह रिसर्च के बाद बदला जाता है. मौजूदा समय में जिस प्रकार से वायरस लगातार बदल रहा है इसी को देखते हुए WHO और ICMR की गाइडलाइंस को फॉलो करते हुए एलोपैथी के डॉक्टर काम कर रहे हैं. सभी दवाइयों को सालों तक स्टडी किया जाता है. उसके बाद उसे अप्रूवल दिया जाता है. डॉ चावला ने आरोप लगाया कि बाबा रामदेव इस तरीके की बयानबाजी केवल अपने प्रोडक्ट को बेचने के लिए कर रहे हैं. वह अपनी दवाई कोरोनिल ने के लिए गलत तरीके से प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.