दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

INDIA vs NDA: दिल्ली में किसका पलड़ा भारी, कौन दे रहा किसको टक्कर, जानें लोकसभा सीटों का पूरा समीकरण - INDIA vs NDA

आगामी लोकसभा चुनाव में 'इंडिया' और एनडीए के बीच सीधा मुकाबला होने की संभावना बन रही है. विपक्षी दलों के बीच सीट शेयरिंग का फॉर्मूला क्या होगा? इसको लेकर INDIA की मुंबई में बैठक फैसला हो सकता है. वर्तमान हालात में दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच सीट को लेकर ऊहापोह की स्थिति है. आइए जानते हैं दिल्ली की सभी लोकसभा सीटों के हालिया समीकरण...

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Aug 3, 2023, 1:19 PM IST

नई दिल्ली: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के गठबंधन बन जाने के बाद अब मुंबई में होने वाली अगली बैठक में सभी राज्यों में सीट शेयरिंग फार्मूले पर विपक्षी दल के नेता रायशुमारी करेंगे. ऐसे में इस गठबंधन में शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच भी दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों को लेकर चुनाव लड़ने को लेकर रणनीति बनाई जा रही है. हालांकि अभी तक दिल्ली में जो लोकसभा चुनाव हुए हैं, उनमें मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही होता रहा है.

बीते दो लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी भी मैदान में उतरी थी, सभी सातों सीटों पर प्रत्याशियों को उतारा था, लेकिन दिल्ली में खाता नहीं खुल पाया. इसलिए 2024 के लोकसभा चुनाव में आप किसी भी तरह बीजेपी को कड़ी चुनौती देने की कोशिश कर रही है. हालांकि पिछले चुनाव के वोट फीसद की बात करें तो दिल्ली की सातों लोकसभा सीटों पर बीजेपी को जितने वोट मिले थे, उतना वोट दूसरे व तीसरे नंबर पर रहने वाले आम आदमी पार्टी और कांग्रेस नहीं ले पाई थी और वोट फीसद का अंतर भी अच्छा खासा था.

बीते चुनाव में बीजेपी का वोट बैंक बढ़ाः प्रदेश बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि दिल्ली की सातों लोकसभा सीट की बात करें तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर भी चुनाव मैदान में उतरती है तो बीजेपी को कोई नुकसान नहीं होने वाला है. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में वोट शेयरिंग को देख बीजेपी को कोई नुकसान होता नहीं दिखाई दे रहा है. वर्ष 2014 और 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी का वोट बैंक बढ़ा है. दूसरे पायदान पर रहने वाली कांग्रेस के वोट फीसद को आम आदमी पार्टी ने अच्छा खासा नुकसान पहुंचाया है.

ETV GFX

साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर बातचीतः विपक्षी एकता दल में राष्ट्रीय पार्टी के तौर पर शामिल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लोकसभा चुनाव मिलकर लड़ने की बात चल रही है, हालांकि अभी तक इसकी औपचारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच दिल्ली में साथ मिलकर चुनाव लड़ने के लिए विचार-विमर्श का सिलसिला शुरू हो चुका है. इसकी पुष्टि आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह भी कर चुके हैं. चूंकि विपक्षी एकता दल में सभी दलों की सहमति एक साथ बनेगी, इसलिए मुंबई में होने वाली तीसरी बैठक के बाद में इसका ऐलान किया जाएगा.

ETV GFX

दोनों से बीजेपी का वोट फीसद अधिकः आम आदमी पार्टी के लिए लोकसभा चुनाव कई मायनों में अहम है. राष्ट्रीय पार्टी बनने के बाद आम आदमी पार्टी अपने राष्ट्रीय विस्तार की संभावनाएं तलाश रही है. दिल्ली में भी लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता खोलकर धमक दिखाना चाहती है. पिछले दोनों लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी अपना खाता नहीं खोल पाई थी, दोनों बार दिल्ली की सातों लोकसभा सीटें बीजेपी के खाते में चली गई. यहां तक कि 7 में से 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर रही थी और उसे केवल 18.2 फीसद वोट मिले थे. जबकि कांग्रेस को 22.6 फीसद और बीजेपी को सातों सीट मिलाकर 56.9 फीसद वोट मिले थे.

साथ लड़ने का फॉर्मूला मुंबई में बनेगाः प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता अनिल कुमार बताते हैं कि विपक्षी एकता दल 'इंडिया' का गठन ही इस उद्देश्य से हुआ है कि सभी विपक्षी दल एकजुट होकर बीजेपी का मुकाबला करें. ऐसे में यह तो लगभग तय है कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर करेंगे. हालांकि कौन कितनी सीटों पर लड़ेगा इसका फार्मूला मुंबई में होने वाली विपक्षी गठबंधन की बैठक के बाद तय होने की उम्मीद है. पार्टी आलाकमान से जो निर्देश मिलेगा उस अनुसार पार्टी के कार्यकर्ता चुनावी तैयारी करेंगे.

शीट शेयरिंग के इस फॉर्मूले पर विचारःसूत्रों की माने तो दिल्ली में बीजेपी को टक्कर देने के लिए और यहां की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए आम आदमी पार्टी 5-2 को शीट शेयरिंग फार्मूले पर चुनाव लड़ना चाहती है. 5 सीटों पर आम आदमी पार्टी और 2 सीटों पर कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव लड़ सकते हैं. तो कांग्रेस पिछले लोकसभा चुनाव में अपने वोट से शेयरिंग के आधार पर अपने खाते में 4 सीट और आम आदमी पार्टी को 3 सीट के फार्मूले को मनवाने का बात कर रही है.

ये भी पढ़ेंः

  1. Delhi Ordinance Row: 'केंद्र शासित प्रदेश पर केंद्र का ही नियंत्रण होगा, राज्य सरकार को यह बात समझ लेनी चाहिए'
  2. Delhi Ordinance Row: 'कुछ तो मजबूरियां रही होंगी, यूं ही कोई बेवफा नहीं होता', AAP सांसद राघव चड्ढा का तंज
  3. Delhi Ordinance Row: पूरे देश की निगाह पेश होने वाले दिल्ली सर्विसेज बिल पर, जानें संसद में बन रहे समीकरण को

ABOUT THE AUTHOR

...view details