नई दिल्ली: प्रकाश का पर्व दीपावली मनाएं, लेकिन थोड़ा सतर्क भी रहें. बीते दो सालों के दौरान जिस तरह कोरोना महामारी के चलते सबकुछ ठहर गया था, इस बार हालात थोड़े बेहतर हुए तो त्योहार मनाने के लिए फिर पहले की तरह उमड़ पड़े. लेकिन यह सेहत के लिए ठीक नहीं है. अभी तक कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट का BA.5 सब-वेरियंट दुनिया भर में फैल चुका है, जो 76.2 प्रतिशत मामलों के लिए जिम्मेदार है.
वहीं भारत में इसके एक और नया XBB वेरिएंट जोर पकड़ रहा है. अहमदाबाद में इसके मामले सामने आ चुके हैं, जिसकी वजह से अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले तीन से चार सप्ताह में देश में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं. हालांकि, डॉक्टरों का कहना है कि ये नए वेरिएंट कोरोना के मामलों में वृद्धि करेंगे लेकिन यह लोगों के लिए खतरनाक साबित होने की संभावना बेहद कम है. इस संबंध में ईटीवी के वरिष्ठ संवाददाता आशुतोष झा ने दिल्ली के स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ. अंशुमान कुमार से विस्तार से बातचीत की.
सवाल 1: कोरोना का नया वेरिएंट्स कितना घातक है, क्या संक्रमण दर बढ़ेगा और यह कितना घातक होगा?
जवाब:सबसे पहले तो इसे लेकर न आश्चर्य करना और न डरना है कि कोरोना का नया वेरिएंट आ गया है. वायरस वेरिएंट बनाएगा. जिस तरह इंसान बच्चे पैदा करता है फिर वह बच्चा और बच्चे पैदा करता है, इसी तरह वायरस भी अपने सर्वाइवल के लिए म्यूटेशन करता है. इस तरह नए वेरिएंट सामने आते हैं. वायरस भी स्प्रेड करने के लिए वेरिएंट बनाता है और ऐसे वेरिएंट बनाता है कि वह इम्यून सिस्टम को चकमा दे सके.
स्वास्थ्य नीति विशेषज्ञ डॉ. अंशुमान कुमार का एक्सक्लूसिव इंटरव्यू. सवाल 2: चीन के कुछ हिस्से में लॉकडाउन लगाने की नौबत क्यों आ गई?
जवाब: कोविड का नया स्ट्रेन चीन में फैला है और वहां लॉकडाउन लगाने की बात आ रही है. चीन में जीरो टॉलरेंस नीति का पालन होता है. एक भी कोविड केस न हो, यह उनका मानना है. यह पागलपन है. ऐसा पॉसिबल नहीं है कि कोरोना के एक भी केस देश में ना हो. एक बार यह आ गया तो यह रहेगा. कोरोना महामारी अब एंडेमिक की ओर है. नए वेरिएंट के आने से मामले बढ़ेंगे लेकिन पिछले एक साल के दौरान वेरिएंट का जो असर देखने में आया है उससे नहीं कहा जा सकता कि यह महामारी का रूप लेगा. अपने यहां की बात करें तो उससे ज्यादा केस मलेरिया और डेंगू के हैं और डेंगू का कारण मच्छर है, जोंकि हमें दिखता है इसके रोकथाम के लिए सरकार को काम करना चाहिए.
सवाल 3: कोरोना के मामलों में वृद्धि होगी, लेकिन लोगों के लिए खतरनाक साबित होने की संभावना बेहद कम है. इस पर आपका क्या कहना है?
जवाब: आने वाले समय में जहां तक बात है कोरोना के मामले बढ़ेंगे. दीपावली, छठ पूजा जैसे फेस्टिवल है, जिसमें गैदरिंग होगी. कोविड हमारे बीच घूमेंगे और घूम रहा है. यह सुपर स्प्लेंडर बनकर संक्रमण की दर को बढ़ाएगा. सर्दी, खांसी, जुकाम को लेकर जो व्यक्ति अस्पताल आता है रूटीन में भी हम जब उसका टेस्ट करते हैं तो उनमें अधिकांश पॉजिटिव निकलते हैं. नंबर बढ़ेंगे उस नंबर को लेकर घबराना नहीं है. हमारी कोशिश हो कि जीवन हताहत ना हो, जीवन की क्षति ना हो इस की कोशिश होनी चाहिए. नंबर कितने बढ़ रहे हैं इसका कोई महत्व नहीं है.
सवाल 4:देश के हेल्थ केअर सिस्टम भविष्य में कोई महामारी आयी तो क्या होगा? क्या हम उससे निपटने के लिए तैयार हैं?
जवाब: कोरोना को ध्यान में रखते हुए जो भी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाए गए थे उसे वाइंड अप कर दिया गया. हेल्थ में डायनामिक स्ट्रेटजी होनी चाहिए. जरूरत हो तो तुरंत बेहतर सुविधा, लोगों के लिए उपयोगिता, जरूरत ना हो तो उसे हम इस्तेमाल ना करें. लेकिन कोरोना के बाद भी हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर सिस्टम को बेहतर बनाने की जरूरत है. बेसिक जरूरतें, मसलन अस्पतालों में ऑक्सीजन को लेकर जो मारामारी हुई इसके पर्याप्त इंतजाम, ऑक्सीमीटर जैसे मामूली से उपकरण के लिए अफरा-तफरी, अन्य स्वास्थ्य जांच के लिए जो चिकित्सा उपकरण है वह सब पर्याप्त मात्रा में सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध होनी चाहिए. देश के तमाम बड़े अस्पतालों में कोरोना के दौरान आइसोलेशन वार्ड जैसा कोई जगह नहीं था. यह सब बनाने पर है सरकार को ध्यान देना चाहिए. हमें सबक लेने की जरूरत है. कोविड ही महामारी नहीं है, मनुष्य जब तक है तब तक ऐसी महामारी रूप बदलकर आती रहेंगी. इसके लिए जरूरी है कि बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर फैसिलिटी को बेहतर बनाया जाए.
सवाल 5:भारत में कोविड से बचाव के लिए जिन लोगों ने वैक्सीन लगवाई है वह क्या नए वेरिएंट से बचाव करेगा?
जवाब: शुरुआत में कोरोना वायरस के जो दो नए वेरिएंट सामने आए थे उसे ध्यान में रखते हुए वैक्सीन बनाया गया था. वह वैक्सीन काफी कारगर साबित हुआ. अब जो वेरिएंट सामने आ रहे हैं, यह मौजूदा वैक्सीन को 6 गुना ज्यादा चकमा देने में सक्षम है. मतलब जो प्रतिरोधक क्षमता हमने बना ली वैक्सीन से, उसको चकमा देकर नए वेरिएंट हमारे शरीर में आ जाएगा. मतलब यह वायरस हमारे शरीर के अंदर आकर हमारे लंग्स को खराब कर दें, हमारे पेनक्रियाज को प्रभावित करें, ऐसा नहीं देखा जा रहा है. मतलब वायरस दम तोड़ देता है. जब तक यह हानिकारक नहीं हो रहा है तब तक यह हमारे लिए चिंता का विषय नहीं है. फायदे का सिस्टम भी हो सकता है नए वायरस के स्ट्रेन से हमारा ह्यूमन सिस्टम और मजबूत बन सकता है.
सवाल 6:नए वेरिएंट आ रहे हैं वो अधिक तेजी से फैलने और इंसान की रोग प्रतिरोधक क्षमता को चकमा देने में कितना सक्षम है?
जवाब: नए वेरिएंट चाहे वह कम ताकतवर ही क्यों ना हो अगर वह हमारे शरीर में प्रवेश कर रहा है यानी यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को वह चकमा देकर ही अंदर गया है. तेजी से फैल रहा है यह भी वायरस के चकमा देने का ही परिणाम है. इससे घबराने की जरूरत नहीं है. यह वायरस अगर हमारे किसी अंग को नुकसान पहुंचाए, तब जरूर चिंता करने वाली बात है.
सवाल 7:क्या सर्दियों में बढ़ेंगे कोरोना के केस?
जवाब: डॉ. अंशुमन कहते हैं त्योहारों के सीजन में भीड़भाड़ वाली जगहों पर लोगों के इकट्ठा होने की वजह से ऐसा हो सकता है. इन केसेस की किसी वेरिएंट की वजह से नहीं बल्कि लोगों के आपस में ज्यादा मिलने-जुलने की वजह से ज्यादा बढ़ने की संभावना है. अब लोगों ने मास्क लगाना भी छोड़ दिया है, ये एक और बड़ी वजह बन सकती है. हम सबको कोविड से बचाव को लेकर तय प्रोटोकॉल का पालन करना चाहिए.
गौरतलब है कि आने वाले त्योहार दिवाली और छठ में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होंगे. ऐसे में अगले एक से दो हफ्तों में कोविड-19 पॉजिटिव मरीजों के मामलों में बढ़ोतरी की संभावना है. ओमिक्रॉन के नए वेरिएंट XBB के पॉजिटिव मामले करीब 7 प्रतिशत है. यह वेरिएंट कम समय में लोगों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है.
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