नई दिल्लीः दक्षिणी दिल्ली के एक पिज्जा डिलीवरी ब्वाय के संपर्क में आनेवाले 72 लोगों में से एक व्यक्ति ने तीस दिनों तक होम क्वारंटीन के आदेश को दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी है. याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस सी हरिशंकर की बेंच ने दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार से 11 मई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
फोटो जर्नलिस्ट ने दायर की है याचिका
पेशे से फोटो जर्नलिस्ट अमित भार्गव ने याचिका दायर किया है. अमित भार्गव की ओर से वकील श्येल त्रेहान और दीया कपूर ने याचिका में कहा है कि वह कोरोना संक्रमित पिज्जा ब्वाय के संपर्क में 24 और 25 मार्च की दरम्यानी रात को आया था. याचिका में कहा गया है कि उसके घर पर 15 अप्रैल को होम क्वारंटीन का नोटिस चस्पा किया गया कि वो 24 मार्च से 20 अप्रैल तक होम क्वारंटीन रहेगा.
क्वारेंटाइन नोटिस से छवि को नुकसान हुआ
याचिका में कहा गया है कि जो क्वारंटीन नोटिस चस्पा किया गया है वो अधूरा है. उस नोटिस में ये नहीं बताया गया है कि संक्रमित व्यक्ति की जांच 14 अप्रैल को हुई जबकि वह पिज्जा ब्वाय के संपर्क में बीस दिन पहले ही आया था. इससे उसकी छवि को काफी नुकसान हुआ. उसके पड़ोसियों ने उससे पूछना शुरु कर दिया कि उसने 24 मार्च से क्वारंटीन का पालन क्यों नहीं किया.
याचिका में कहा गया है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के दिशा-निर्देशों के मुताबिक उसका 14 दिनों का क्वारंटीन की अवधि 7 अप्रैल को खत्म होनी चाहिए थी. उसके तीस दिनों से ज्यादा दिनों के क्वारंटीन होने का कोई आधार नहीं है. वैसे व्यक्ति को जो केवल एक संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आया हो उसे इतने दिनों तक क्वारंटीन में रखने का आदेश मनमाना है.
क्वारंटीन नोटिस को निरस्त करने की मांग
याचिका में कहा गया है कि 20 अप्रैल को उनके निवास पर कुछ लोग टेस्टिंग के लिए आए और बिना सैंपल लिए चले गए. याचिका में क्वारंटीन नोटिस को निरस्त करने की मांग की गई है. याचिका में मांग की गई है कि दिल्ली सरकार से ये साफ करने का दिशा-निर्देश दिया जाए कि किसी व्यक्ति को संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने के बाद 14 दिनों का क्वारंटीन किया जाता है या 28 दिनों का.