नई दिल्लीः अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को सहेज कर रखने का सबसे अच्छा विकल्प चित्रकला है. पारंपरिक लोक कला को आधुनिक रूप देने वाली चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन दिल्ली के लोदी रोड स्थित इंडिया हैबिटेट सेंटर में किया गया है. इसमें ऐतिहासिक धरोहरों पर चित्रकारी करने वाले 5 चित्रकारों की 53 कलाओं को प्रदर्शित किया गया है.
प्रदर्शनी को शालिनी चौधरी ने क्यूरेट किया है. आर्टिस्ट भामिनी श्री ने 'ETV भारत' को बताया कि प्रदर्शनी का नाम 'माटी' है. यह नाम इसलिए रखा गया क्योंकि इसमें लोक कला को दिखाया गया है. लेकिन आज के दौर में यह कला कैसे उभर रहीं है? यह इस प्रदर्शनी में दिखाया गया है.
उन्होंने अपनी उत्सव नाम की चित्रकारी का विवरण देते हुए बताया कि इस चित्रकारी में उन्होंने नारीत्व को दर्शाने की कोशिश की है, जिसमें महिलाओं की खुशियों को चित्रित किया गया है. भामिनी श्री ने बताया कि यह मधुबनी कला का मॉडर्न रूप है. यह प्रदर्शनी पूरी तरह से आधुनिक है. इसलिए प्रदर्शनी में लगे सभी चित्रों की बनावट में मेटल, अक्रैलिक और इंक कलर्स का इस्तेमाल किया गया है. वहीं अगर चित्रों को पारंपरिक ढंग से बनाया जाता तो इसमें नेचुरल कलर्स का इस्तेमाल किया जाता.