नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली सरकार को लगभग 17 लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया (directed Delhi government to pay). कोर्ट ने साकेत कोर्ट के अतिरिक्त जिला न्यायाधीश को वर्ष 2021 में कोरोना उपचार के लिए उनके द्वारा किए गए खर्च की प्रतिपूर्ति के रूप में 16 लाख रुपये से अधिक की रकम देने का निर्देश दिया है. अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश दिनेश कुमार को कोरोना वायरस की दूसरी लहर के दौरान 7 जून 2021 से लेकर 3 अप्रैल तक दिल्ली के पीएसआरआई अस्पताल में वेंटिलेटर पर रहना पड़ा था. उस दौरान अस्पताल को करीब 24 लाख रुपये देने पड़े थे, जबकि सरकार ने उन्हें केवल 7 लाख रुपये की प्रतिपूर्ति की थी.
इलाज कराने का नहीं था कोई विकल्प : न्यायमूर्ति रेखा पल्ली ने कहा कि संभव है कि अस्पताल ने दिल्ली सरकार की ओर से जारी परिपत्र के अनुसार अधिक शुल्क लिया. लेकिन तथ्य यह भी है कि जब दिल्ली के निवासी केवल अस्पताल ही नहीं बल्कि ऑक्सीजन की भारी कमी का भी सामना कर रहे थे तो याचिकाकर्ता के पास अस्पताल में इलाज कराने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था. यह भी विचारणीय है कि अगर उस समय अस्पताल इलाज नहीं करता तो याचिकाकर्ता का बचना मुश्किल होता. कोर्ट ने कहा कि कोर्ट वर्तमान याचिका में दिनांक 20.06.2020 के परिपत्र की वैधता में शामिल करना उचित या आवश्यक नहीं मानता है, जहां दिल्ली उच्च न्यायिक सेवा का एक अधिकारी उसके द्वारा किए गए वास्तविक खर्चों के लिए राशि की प्रतिपूर्ति की मांग कर रहा है.
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