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बच्चों को मिड डे मील देने की मांग पर दिल्ली हाईकोर्ट में टली सुनवाई

दिल्ली में स्कूलों के छात्रों को मिड डे मील मिलता है, लेकिन लॉकडाउन के बाद से छात्रों को दिल्ली सरकार की तरफ से मिड डे मील नहीं मिल रहा है. जिसे लेकर दायर याचिका पर आज दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई होनी थी जिसको फिलहाल टाल दिया गया है.

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Published : Jun 30, 2020, 4:16 PM IST

Hearing postponed in Delhi High Court on demand of giving mid day meal to children
दिल्ली हाईकोर्ट में टली सुनवाई

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने कोरोना वायरस की वजह से हुए लॉकडाउन के दौरान स्कूलों में छात्रों को मिड डे मील या फूड सिक्योरिटी अलाउंस देने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई को टाल दिया है. जस्टिस डीएन पटेल और जस्टिस प्रतीक जालान ने दिल्ली सरकार को 21 जुलाई तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

दिल्ली हाईकोर्ट में टली सुनवाई

फंड आना अभी बाकी है

आज सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से कहा गया कि मिड डे मील के लिए मिलने वाला फंड अभी आना बाकी है. तब कोर्ट ने कहा कि ये ठीक नहीं है कि मिड डे मील के लिए बच्चों को इंतजार करना पड़े. याचिका महिला एकता मंच नामक एनजीओ ने दायर की है. याचिकाकर्ता की ओर से वकील कमलेश कुमार ने याचिका में मांग की है कि मिड डे मील के तहत पका हुआ भोजन छात्रों को उपलब्ध कराया जाए या इसके बदले उनके खाते में पैसा ट्रांसफर किया जाए.

बच्चों को मिड डे मील नहीं मिल रहा है

याचिका में कहा गया है कि स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने याचिकाकर्ता एनजीओ से संपर्क कर बताया कि वे मिड डे मील के लाभार्थी हैं. उन्हें मिड डे मील नहीं मिल रहा है. याचिका में कहा गया है कि मिड डे मील की योजना लाने के पीछे दो वजह थीं. पहला यह कि इससे वंचित वर्ग के बच्चे स्कूल में पढ़ने आते हैं और दूसरा कि पांच वर्ष से 15 वर्ष तक के बच्चों में कुपोषण से लड़ा जा सकता है.




सरकारी स्कूलों में गरीब बच्चे पढ़ने आते हैं

याचिका में कहा गया है कि कोरोना वायरस ने जब देश में अपना पांव पसारा तो सरकारी एजेंसियां और मेडिकल एक्सपर्ट लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कदम उठाने पर विचार कर रही थी. लेकिन दिल्ली सरकार ने गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों के लिए मिड डे मील बंद कर दिया. याचिका में कहा गया है कि मिड डे मील योजना के तहत प्राथमिक और उच्च प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ने छात्रों को दोपहर का भोजन उपलब्ध करवाया जाता है.

वहीं मिड डे मील सभी सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, स्थानीय निकायों की ओर से संचालित स्कूलों, मदरसों और मकतबों में दिया जाता है. इसके लाभार्थी समाज के वंचित और गरीब तबके के बच्चे होते हैं. लेकिन दिल्ली में इन बच्चों को कोरोना जैसे संकट की घड़ी में मिड डे मील नहीं दिया जा रहा है.

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