नई दिल्ली:बाबा रामदेव की ओर से कोरोनिल दवाई को लेकर कथित झूठे दावे पर रोक लगाने की मांग करने वाली दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन की याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई हो सकती है. इसके पहले 26 जुलाई को याचिका पर सुनवाई करने वाले जस्टिस सी हरिशंकर की उपलब्धता न होने के कारण इस मामले की सुनवाई आज तक के लिए टाल दी गई थी.
दरअसल, बाबा रामदेव ने अपनी आयुर्वेदिक दवा कोरोनिल से कोरोना के इलाज का दावा किया था. जिसको लेकर दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. डीएमए की तरफ से पेश हुए वकील राजीव दत्ता ने कहा था कि बाबा रामदेव ने सार्वजनिक रुप से डॉक्टरों के अलावा विज्ञान को चुनौती दी है.
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वकील राजीव दत्ता ने कहा था कि ये डॉक्टरों के अधिकार का मामला है. उनके बयान से लोगों का नुकसान हो रहा है. वे मेडिकल साइंस को चुनौती दे रहे हैं. तब कोर्ट ने पूछा था कि क्या आपने वीडियो क्लिप दिया है. इसपर राजीव दत्ता ने कहा था कि हमने वेबसाइट का लिंक दिया है. इस पर कोर्ट ने कहा था कि वेबलिंक डाउनलोड किए जा सकते हैं. मैं ये कैसे जान सकता हूं कि वे सही हैं या गलत. केवल ट्रांसक्रिप्ट देने से नहीं होगा आप वीडियो क्लिप दीजिए.
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राजीव दत्ता ने कहा था कि बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा को कोरोना की दवा के रुप में प्रचारित किया. बाबा ने कहा कि कोरोनिल का मृत्यु-दर शून्य फीसदी है. इसपर कोर्ट ने कहा कि वेबलिंक के साथ दिक्कत है कि इसे कभी भी हटाया जा सकता है. वे अस्थायी हैं. आप वीडियो क्लिप दाखिल कीजिए. तब दत्ता ने कहा कि हम वीडियो क्लिप दाखिल करेंगे.
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राजीव दत्ता ने कहा था कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी बाबा रामदेव के विज्ञापन पर रोक लगाने के लिए कहा था. इसपर कोर्ट ने पूछा था कि इससे आपदा प्रबंधन अधिनियम कैसे प्रभावित होती है. बाबा ने जो गलत बोला है उसे बताइए. तब कोर्ट मानेगी कि उससे लोगों का नुकसान हुआ है. इसपर राजीव दत्ता ने कहा था कि कई बयानों को कोर्ट के सामने रखा है. तब कोर्ट ने पूछा कि किस प्लेटफार्म पर बयान है, ट्विटर पर या प्रेस में, तब दत्ता ने कहा कि पूरी मीडिया में.
बाबा रामदेव और एलोपैथिक डॉक्टरों की संस्था आईएमए के बीच विवाद तब गहराया था, जब उन्होंने एलोपैथी को लेकर विवादास्पद बयान दिया था. यही नहीं रामदेव ने डॉक्टरों को दवा कंपनियों और ड्रग माफियाओं का एजेंट तक बता दिया था और कहा था कि अपने फायदे के लिए ये लोगों की जान ले रहे हैं. जिसके बाद आईएमए ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर बाबा के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की थी.
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