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उन्नाव रेप केस: कोर्ट में पेश हुए सेंगर-शशि सिंह, CBI की चार्जशीट पर हुई सुनवाई

दोनों पक्षों ने करीब पांच घंटे की दलीलें रखीं लेकिन उसके बावजूद दलीलें पूरी नहीं हो सकी. कोर्ट ने मीडिया को निर्देश दिया कि वो पीड़ितों और उसके परिजनों और गवाहों के नामों का खुलासा नहीं करें.

कोर्ट में पेश हुए सेंगर-शशि सिंह etv bharat

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Published : Aug 8, 2019, 12:37 PM IST

नई दिल्ली: उन्नाव रेप मामले में दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनीं. कोर्ट ने आरोपपत्र पर आगे की दलीलें सुनने के लिए 9 अगस्त की तारीख तय की है.

तीस हजारी कोर्ट में पेश हुए सेंगर-शशि सिंह

तीस हजारी कोर्ट में करीब सवा 12 बजे कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कोर्ट में पेश किया गया. कोर्ट में सुनवाई शाम पांच बजे तक चलती रही. सुनवाई के दौरान डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंज जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट के बाहर दिल्ली पुलिस के जवानों ने किलेबंदी कर रखी थी. दोनों पक्षों ने करीब पांच घंटे की दलीलें रखीं लेकिन उसके बावजूद दलीलें पूरी नहीं हो सकी. कोर्ट ने मीडिया को निर्देश दिया कि वो पीड़ितों और उसके परिजनों और गवाहों के नामों का खुलासा नहीं करें.

सुनवाई के दौरान सीबीआई ने क्या कहा?
पिछले 6 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई से उन्नाव रेप मामले की पीड़िता, उसकी देखभाल करने वालों और उसके परिजनों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी मांगी थी. कोर्ट ने उत्तरप्रदेश के डीजीपी को निर्देश दिया था कि वो गवाहों की सुरक्षा के लिए उठाए गए कदमों की स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. कोर्ट ने पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट करने के बाद उसके परिजनों के ठहरने के बारे में भी रिपोर्ट मांगी थी.

पिछले 5 अगस्त को कोर्ट ने आरोपियों कुलदीप सिंह सेंगर और शशि सिंह को दोबारा पेश करने होने का आदेश दिया था. कोर्ट ने दोनों आरोपियों को तिहाड़ जेल भेजने का आदेश दिया.
5 अगस्त को जब दोनों को कोर्ट में पेश किया गया था तो डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा ने आरोपियों के वकील को आरोप पत्र पर बहस करने को कहा था. इस पर आरोपियों की ओर से कहा गया था कि क्या यह कोर्ट को इस केस को सुनने का अधिकार है तब पीड़िता के वकील धर्मेंद्र कुमार मिश्रा और पूनम कौशिक ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने धारा 142 के तहत इस कोर्ट को ही अधिकृत किया है.

तब आरोपियों के वकील ने कहा था कि क्या सीबीआई की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति हो गई है तब सीबीआई की ओर से कहा गया कि हां पब्लिक प्रोसिक्यूटर की नियुक्ति के लिए नोटिफिकेशन जारी हो गया है लेकिन जिन्हें नियुक्त किया गया है वे किसी दूसरे मामले में राऊज एवेन्यू कोर्ट में व्यस्त हैं इसलिए वे नहीं आ सकते हैं.


आरोपियों के वकील ने मांगा था वक्त
आरोपियों के वकील ने था कहा कि इस मामले में आरोपपत्र पर दलीलें रखने के लिए हमें समय चाहिए .आरोपियों के वकील ने कहा था कि उन्हें भी आरोपपत्र की कापी चाहिए ताकि वे अपनी दलीलें रख सकें। उसके बाद कोर्ट ने 7 अगस्त को दोबारा दोनों आरोपियों को पेश करने का निर्देश दिया। उसी दिन सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर दलीलें सुनेगा.
आपको बता दें कि पिछले 5 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता और उसके वकील को लखनऊ के केजीएमसी से दिल्ली एयरलिफ्ट करने का आदेश दिया था. जिसके बाद कल पीड़िता को एयरलिफ्ट कर दिल्ली लाया गया.

बता दें कि पिछले 3 अगस्त को सीबीआई ने इस मामले में तीस हजारी कोर्ट के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशंस जज धर्मेश शर्मा की कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया था.
ये मामला पहले यूपी में चल रहा था, पिछले 1 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्नाव रेप कांड से जुड़े सभी मामलों को यूपी से दिल्ली ट्रांसफर करने का आदेश दिया था. उसके बाद 2 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने इस आदेश में बदलाव करते हुए एक्सीडेंट मामले के दिल्ली ट्रांसफर करने पर 15 दिनों की रोक लगाने का आदेश दिया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की रोजाना सुनवाई करने का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने 45 दिन के अंदर ट्रायल को पूरा करने का आदेश दिया है.

मामला 4 जून 2017 का है जब एक नाबालिग लड़की ने बीजेपी के निलंबित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर अपने घर पर रेप करने का आरोप लगाया. लड़की विधायक के घर काम की तलाश में गई थी. इस मामले में कुलदीप सिंह सेंगर न्यायिक हिरासत में है. दूसरे अभियुक्त शशि सिंह पर आरोप है कि वो लड़की को बहला फुसलाकर सेंगर के घर ले गई. लड़की के पिता की 9 अप्रैल 2018 में पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी. सेंगर के खिलाफ एक और हत्या का मामला तब दर्ज हुआ जब लड़की का अपने वकील और परिजनों के साथ एक्सीडेंट हुआ. इस एक्सीडेंट में लड़की के दो परिजनों की मौत हो गई .

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