नई दिल्ली: आईआरसीटीसी घोटाले मामले (IRCTC scam case) में गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में सुनवाई हुई. विशेष न्यायाधीश गीतांजलि गोयल की अदालत में लालू यादव की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह पेश हुए. मनिंदर सिंह ने सीबीआई की चार्जशीट पर बहस करते हुए कहा कि सीबीआई ने बिना अनुमति के लोकसेवक पर मुकदमा शुरू किया है, इसलिए इस मामले को पूरी तरह से खारिज करना चाहिए. सिंह ने कहा कि सीबीआई ने जांच पूरी कर 2012 में इस मामले को बंद कर दिया था. इस मामले को दोबारा 2017 में खोला गया, जिसका आरोप पत्र अब पेश किया गया है.
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा सवाल है कि पुरानी जांच रिपोर्ट को किस तरह से किनारे किया गया. यदि बीएनआर रांची और बीएनआर पुरी की जांच पूरी हो चुकी है तो उसे क्यों शामिल नहीं किया जा रहा है. सीबीआई एक तरफ यह कहती है कि लालू यादव अपनी ड्यूटी पूरी नहीं कर रहे थे. वहीं, दूसरी तरफ उन्हीं के द्वारा हस्ताक्षरित 1000 से भी ज्यादा दस्तावेज इस्तेमाल कर रही है.
लालू यादव के वकील द्वारा अनुमति को मुद्दा बनाए जाने के बाद मामले में अन्य अभियुक्तों ने भी इसको जांच का विषय बनाने की मांग की. उसके बाद कोर्ट ने इस मामले को 9 तथा 10 जनवरी 2023 के लिए सूचीबद्ध किया है. कोर्ट ने मामले में कई अन्य आरोपियों को अपने अपने जवाब दाखिल करने के लिए 9 और 10 जनवरी की तारीख तय की है