नई दिल्ली: कोविड-19 के दौरान कथित तौर पर वीजा नियमों का उल्लंघन कर तबलीगी जमात के कार्यक्रम में मौजदू होने वाले एक नाबालिग मलेशियाई नागरिक के मामले को दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को कोरम के अभाव में जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से दूसरे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है. जस्टिस अनूप जयराम भांभानी ने 17 साल के मलेशियाई नागरिक के खिलाफ दर्ज मामले को दूसरे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में ट्रांसफर किया, ताकि मामले की सुनवाई जल्द हो सके.
दूसरे JJB में HC ने नाबालिग मलेशियाई के मामले को भेजा
मलेशिया के नाबालिग का केस किंग्जवे कैंप के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में चल रहा था, लेकिन किंग्सवे कैंप के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में कोरम के अभाव की वजह से उसके मामले की सुनवाई नहीं हो पा रही थी.
इस वजह से उसे पिछले 4 महीने से दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर फैसिलिटी सेंटर पर रखा गया है. हाईकोर्ट ने इस मामले की सुनवाई किंग्जवे कैंप जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड से विश्वास नगर जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में ट्रांसफर कर दिया.
बता दें की 18 साल से कम उम्र के लोगों के मामलों की सुनवाई जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में होती है. बोर्ड में एक जुडिशल मेंबर के अलावा दो और सदस्य होते हैं. बोर्ड में कोरम के लिए कम से कम 2 सदस्यों का होना जरूरी है. किंग्जवे कैंप के जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में एक जुडिशल मेंबर के अलावा दो और सदस्यों का स्थान रिक्त है. इसकी वजह से वहां मामलों की सुनवाई नहीं हो रही है.
974 विदेशी नागरिकों मिली जमानत
पिछले मार्च महीने में निजामुद्दीन मरकज के तबलीगी जमात के कार्यक्रम शामिल कई देशों के नागरिकों को गिरफ्तार किया गया था. इस मामले में दिल्ली की साकेत कोर्ट ने अब तक 974 विदेशी नागरिकों को जमानत दे चुकी है.
इन विदेशी नागरिकों को वीजा नियमों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया है. दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में कहा है कि इन विदेशी नागरिकों ने कोरोना को लेकर केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया.