नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आदेश के बावजूद कर्मचारियों को वेतन न देने पर दिल्ली वक्फ बोर्ड के सीईओ से जवाब तलब किया है. न्यायमूर्ति ज्योति सिंह की पीठ ने कहा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के कर्मचारियों की याचिका ने बहुत खेदजनक स्थिति को दर्शाया है. कर्मचारियों को लगभग नौ महीने से वेतन नहीं मिला है. कोर्ट ने कहा कि अधिकारी कर्मचारियों की दुर्दशा के प्रति पूरी तरह से असंवेदनशील थे, जिन्हें दो वक्त गुजारना मुश्किल हो रहा था.
प्रथम दृष्टया इस न्यायालय का विचार है कि उत्तरदाताओं (मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिल्ली वक्फ बोर्ड और अन्य) ने इस न्यायालय द्वारा पारित आदेशों का बहुत कम सम्मान किया है, क्योंकि सुनवाई की अंतिम तारीख को दिए गए आश्वासन के बावजूद बकाया राशि का भुगतान नहीं किया गया. आज भी इस बात की कोई निश्चितता नहीं है कि याचिकाकर्ताओं को उनका वेतन कब मिलेगा. न्यायमूर्ति सिंह ने आगे कहा कि अब सामान्य और आकस्मिक प्रतिक्रिया यह थी कि मामला विचाराधीन था और धन की कमी थी.
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तदनुसार, अदालत ने मामले को 11 जुलाई को आगे के विचार के लिए सूचीबद्ध किया. अप्रैल में अदालत ने दिल्ली सरकार और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अधिकारियों को दो सप्ताह के भीतर कर्मचारियों के अतिदेय वेतन और अन्य लाभों का भुगतान करने का निर्देश दिया था. अदालत दिल्ली वक्फ बोर्ड कर्मचारी संघ द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि उन्हें छह महीने से अधिक समय से वेतन और अन्य भत्तों का भुगतान नहीं किया गया है. दलील में कहा गया है कि कर्मचारियों को वेतन का भुगतान उन्हें अपनी आजीविका बनाए रखने में सक्षम बनाने के लिए आवश्यक है और उसी राशि से इनकार करना भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत गारंटीकृत जीवन के अधिकार से वंचित करना है.
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