नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट की जज जस्टिस प्रतिभा सिंह ने व्हाट्सऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है. उन्होंने इस मामले को लेकर कोर्ट को भेजे गए ई-मेल पर आपत्ति जताते हुए अपने आप को सुनवाई से अलग कर लिया. कोर्ट ने इस मामले पर 18 जनवरी को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई करने का आदेश दिया.
व्हाटसऐप ने कोर्ट को ई-मेल किया था
ये मामला किस बेंच के पास लिस्ट किया जाएगा. इस पर फैसला करने के लिए चीफ जस्टिस के पास भेजा गया. दरअसल ई-मेल व्हाट्सऐप की ओर से कोर्ट को भेजा गया था. इस ई-मेल में कहा गया था कि जस्टिस प्रतिभा सिंह इससे जुड़े मामले में बतौर वकील पहले पेश हो चुकी हैं. हालांकि व्हाटसऐप ने इस ई-मेल को वापस ले लिया है. सुनवाई के दौरान एएसजी चेतन शर्मा ने जस्टिस प्रतिभा सिंह से इस सुनवाई से अलग नहीं होने की अपील की, लेकिन जस्टिस प्रतिभा सिंह नहीं मानी.
सभी ऑनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखी जाएगी
याचिका वकील चैतन्य रोहिल्ला ने दायर की है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी से लोगों की निजता के अधिकार का उल्लंघन हो रहा है और देश की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी किसी युजर की सभी आनलाइन गतिविधियों पर निगरानी रखने के लिए तैयार किया गया है. याचिका में कहा गया है कि डाटा प्रोटेक्शन अथॉरिटी के अभाव में यूजर्स को कंपनी के रहमोकरम पर भी निर्भर रहना होगा. याचिका में व्हाटसऐप की नई प्राइवेसी पॉलिसी को अपडेट करने से तत्काल रोकने की मांग की गई है.
केंद्र अपने अधिकारों का करे उपयोग