दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

दिल्ली हिंसा: गुलफिशा फातिमा को रिहा करने वाली याचिका खारिज

दिल्ली हिंसा मामले में जेल में बंद गुलफिशा फातिमा को रिहा करने वाली याचिका दिल्ली हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये इस मामले की सुनवाई की गई. दरअसल फातिमा के भाई ने ये याचिका दायर की थी.

hc dismissed petition to release gulfisha fatima
गुलफिशा फातिमा को रिहा करने वाली याचिका खारिज

By

Published : Jun 22, 2020, 9:55 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली हिंसा मामले में जेल में बंद गुलफिशा फातिमा को रिहा करने की उसकी भाई की याचिका को खारिज कर दिया है. जस्टिस विपिन सांघी और जस्टिस रजनीश भटनागर की बेंच ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये याचिका खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि आरोपी सेशंस जज के आदेश पर न्यायिक हिरासत में हैं. इसलिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका का कोई मतलब नहीं है.

गुलफिशा फातिमा को रिहा करने वाली याचिका खारिज
यूएपीए मामले की जांच कर सकती है पुलिस

कोर्ट ने कहा कि यूएपीए ये नहीं कहता है कि इस एक्ट के तहत केवल स्पेशल कोर्ट ही सुनवाई कर सकती है. कोर्ट ने कहा कि इन मामलों पर एनआईए के अलावा भी दूसरी पुलिस को यूएपीए के तहत जांच करने का अधिकार है. कोर्ट ने कहा कि एनआईए एक्ट की धारा 6(7) में साफ किया गया है कि जब तक एनआईए किसी मामले की जांच शुरू नहीं करती है. तब तक उस थाने के इंचार्ज को उसकी जांच जारी रखने का अधिकार है, जिस थाने में ये मामला दर्ज किया गया है. कोर्ट ने कहा कि ये जरुरी नहीं है कि यूएपीए के तहत दर्ज सभी मामलों की जांच एनआईए ही करेगी.

9 अप्रैल को हुई थी गिरफ्तारी

गुलफिशा फातिमा के भाई अकील हुसैन ने वकील महमूद प्राचा के जरिये दायर याचिका में कहा था कि उसे 9 अप्रैल को जाफराबाद से गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद उसके परिजनों से दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल के लोग कई बार मिल चुके हैं. महमूद प्राचा ने कहा था कि फातिमा को एक एफआईआर में सेशंस कोर्ट से जमानत मिल चुकी है. दूसरी एफआईआर में फातिमा के खिलाफ यूएपीए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी. लॉकडाउन की वजह से यूएपीए के मामलों की सुनवाई करने वाली स्पेशल एनआईए कोर्ट नहीं बैठ रही है. जिसकी वजह से जमानत याचिका दायर नहीं की जा रही है और आरोपी जेल में बंद है.


एक मामले में दी गई जमानत

पिछले 13 मई को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने गुलफिशा फातिमा को एक मामले में जमानत दी गई थी. लेकिन उसके बावजूद वो इसलिए रिहा नहीं हो सकी क्योंकि उसके खिलाफ यूएपीए के तहत दूसरा मामला भी दर्ज है. गुलशिता फातिमा एमबीए की छात्रा है. फातिमा पर आरोप है कि उसने पिछले 22 फरवरी को जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास सड़क जाम करने के लिए लोगों को उकसाने वाला भाषण दिया था. पुलिस ने फातिमा को पिछले 9 अप्रैल को गिरफ्तार किया था. बता दें कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों में 53 लोग मारे गए थे और करीब 200 लोग घायल हो गए थे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details