नई दिल्ली: हरियाणा के सरपंचों ने ई-टेंडरिंग और राइट टू रिकॉल एक्ट का विरोध किया. इसे लेकर सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर काफी संख्या में हरियाणा से आए हुए लोग पहुंचे और हरियाणा की सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही हरियाणा सरकार को यह चेतावनी दी कि अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती तो 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ेगा. सरपंच एसोसिएशन से जुड़े लोगों ने यह भी कहा कि, आज हमें मजबूरन दिल्ली के जंतर मंतर पर इसलिए आना पड़ा, ताकि हम केंद्र सरकार के कानों तक अपनी बात पहुंचा पाएं. पिछले 4 महीने से हम हरियाणा में प्रोटेस्ट कर रहे हैं, लेकिन सरकार हमारी नहीं सुन रही है.
प्रदर्शन में लोगों ने कहा कि जब तक मांग पूरी नहीं होती, तब तक बार-बार आंदोलन किया जाएगा. हरियाणा सरपंच एसोसिएशन ने दावा किया है कि सरकार के खिलाफ फिर से एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा. पिछले महीने हरियाणा के सरपंचों की अधिकारियों के साथ ई टेंडरिंग विवाद पर बैठक भी हुई थी. लेकिन इस बैठक में कोई सहमति नहीं बन पाई थी. सरपंच एसोसिएशन के लोगों ने कहा कि, हरियाणा की खट्टर सरकार को काफी घमंड आ गया है. संविधान के अनुसार 73वें संशोधन में हमें जो अधिकार दिए गए हैं उनको सरकार हमसे छीन रही है. जबकि देश के कई राज्यों में वह अधिकार लागू हैं. इनमें मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और गोवा जैसे राज्य शामिल हैं लेकिन सिर्फ हरियाणा सरकार इस समय तानाशाही शासन चला रही है.