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सिंघु बॉर्डरः जल्द ही बॉर्डर पर सैकड़ों की संख्या में कंबाइन (हार्वेस्टर) मशीन आएंगी - सिंघु बॉर्डर किसान प्रदर्शन

कृषि बिल का विरोध कर रहे किसान अब आंदोलन स्थल पर हार्वेस्टर मशीन ले कर आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि अभी तो एक ही मशीन यहां पर आई है, बाकी जल्द ही और भी सैकड़ों मशीने बॉर्डर पर खड़ी दिखाई देंगी, जो अभी रास्ते में है.

harvester machine at singhu boarder farmer protest site
सिंघु बॉर्डर किसान आंदोलन

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Published : Dec 13, 2020, 9:51 PM IST

नई दिल्लीः किसान सरकार से कृषि बिल वापस करने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं. किसान आंदोलन में भाग लेने के लिए ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ-साथ फसलों की कटाई करने वाली कंबाइन (हार्वेस्टर) मशीन भी बॉर्डर पर ले कर आए हैं. इनका कहना है कि अभी तो एक ही मशीन यहां पर आई है, बाकी जल्द ही और भी सैकड़ों मशीने बॉर्डर पर खड़ी दिखाई देंगी, जो अभी रास्ते में है. यह सब कृषि बिल वापस लेने की मांग के चलते हो रहा है, सरकार जब भी कृषि बिल वापस लेगी आंदोलन उसके बाद ही समाप्त होगा.

सिंघु बॉर्डर पर डटे हुए हैं किसान.

आंदोलन के चलते हो रहा है नुकसान

ईटीवी भारत की टीम ने दिल्ली के दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर पर जाकर किसानों से बात की. बॉर्डर पर कंबाइन (हार्वेस्टर) मशीन लेकर आए किसान ने बताया कि यह उनकी कमाई का सीजन होता है. उत्तरी भारत में इन दिनों फसल की बुआई के बाद हरियाणा-पंजाब के किसान महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और दक्षिण भारत में फसलों की कटाई के लिए जाते हैं, जहां से वह एक सीजन में लाखों रुपये की कमाई करते हैं.

इस बार कृषि बिल को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर किसान आंदोलन कर रहे हैं. जिसके चलते सभी किसान दिल्ली के बॉर्डर पर हैं और वह इस बार अपनी कंबाइन (हार्वेस्टर) मशीन लेकर काम करने के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जा सकते. सरकार जल्द से जल्द कोई फैसला निकालें, जिससे लोगों को फायदा हो और यह आंदोलन भी जल्द से जल्द समाप्त हो जाए.

'जल्द खत्म हो आंदोलन'

उत्तरी भारत में अब सर्दी अभी बढ़ गई हैं, जिसकी वजह से लोगों को सड़कों पर रात बिताने के लिए परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. वहीं आंदोलनकारी किसान सरकार से अपनी मांग मनवाने को लेकर बॉर्डर पर डटे हुए हैं. इनकी मांग है कि सरकार जल्द से जल्द कृषि बिल को वापस ले और किसान अपना आंदोलन खत्म कर दें, जिससे किसान अपने-अपने गांवों में जाकर फिर से खेती कर सके.

साथ ही दूसरे इलाकों में जाकर अपने जीवन यापन के लिए कमाई कर सके. यह लोग अपनी फसलों की कटाई करने वाली कंपनी (हार्वेस्टर) मशीन को लेकर बॉर्डर पर आ रहे हैं, अभी तो केवल एक ही मशीन है. आने वाले दिनों में यदि आंदोलन लंबा चला तो और भी सैकड़ों मशीने जल्द ही बॉर्डर पर खड़ी दिखाई देंगी. आंदोलन की वजह से किसानों को आर्थिक नुकसान तो हो ही रहा है, साथ ही इनके सहायक काम धंधे में इस आंदोलन से प्रभावित हो रहे हैं.

नहीं निकल रहा कोई नतीजा

सरकार और किसानों के बीच पिछले 15 दिनों से लगातार बातचीत का दौर जारी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकलने को लेकर खुद किसान भी परेशान हो चुके हैं. किसान भगवान दुआ कर रहे हैं कि अब कृषि बिल को लेकर जल्द ही कोई नतीजा निकले, जिससे यह लोग जल्द से जल्द अपने घर और काम पर जा सके.

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