नई दिल्ली: नियमित नौकरी के लिए प्रदर्शन कर रहे गेस्ट टीचर्स को केजरीवाल सरकार ने राहत देने के नाम पर कैबिनेट से पॉलिसी पास की है. जिसमें कहा गया कि गेस्ट टीचर्स नियमित अध्यापकों की तरह 60 बरस तक अपनी सेवाएं दे सकते हैं. लेकिन गेस्ट टीचर्स इस फैसले से खुश नहीं है उनका कहना है कि जो पॉलिसी कैबिनेट मीटिंग में पारित की गई वहां अतिथि शिक्षकों का एक भी नुमाइंदा नहीं था. गेस्ट टीचर्स का प्रदर्शन लगातार जारी है.
सरकारी स्कूलों में कार्यरत अतिथि शिक्षकों का 58 साल की पॉलिसी को लेकर प्रदर्शन लगातार 6 दिन से जारी था, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने शिक्षकों के लिए कैबिनेट की इमरजेंसी मीटिंग बुलाकर 60 साल की पॉलिसी को पारित कर दिया. लेकिन ये पॉलिसी तभी मान्य होगी जब एलजी अनिल बैजल इसे पारित करेंगे. इस बीच अतिथि शिक्षकों को स्कूलों में दोबारा ज्वाइन करने के लिए शिक्षा निदेशालय की तरफ से आदेश जारी किए गए हैं.
लेकिन यहां भी स्पष्ट लिखा गया है कि कोर्ट का आदेश आने तक कोई भी अतिथि शिक्षक बायोमैट्रिक, अटेंडेंस रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं करेगा. शिक्षा निदेशालय के जारी किए गए इस निर्देश को मानने से सभी अतिथि शिक्षकों ने इनकार कर दिया है. उनका कहना है कि ये महज अपना काम निकलवाने के लिए एक षड्यंत्र रचा जा रहा है और अब कोई भी शिक्षक इस झांसे में आने वाला नहीं. पॉलिसी के सिवा कोई भी एक्सटेंशन स्वीकार नहीं किया जाएगा.
बता दें अतिथि शिक्षकों की अनुपस्थिति में चरमराई सरकारी स्कूलों की व्यवस्था को देखते हुए शिक्षा मंत्री ने बुधवार को आपातकालीन कैबिनेट की मीटिंग बुलाई थी जिसमें उन्होंने 60 साल की पॉलिसी को पारित कर शिक्षकों की मांगे मान ली गई. साथ ही इस पॉलिसी को एलजी के पास मंजूरी के लिए भेज दिया गया. अब देखने वाली बात होगी कि यह पॉलिसी एलजी के पास से कब तक पास होती है.