नई दिल्ली: दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बतौर अतिथि शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे शिक्षकों के री-जॉइनिंग का ऑर्डर आये करीब एक माह बीत गया. बाबत इसके कई शिक्षकों को अभी तक जॉइनिंग नहीं मिल पाई है. वहीं अतिथि शिक्षकों ने इसके लिए स्कूलों के एचओएस को जिम्मेदार ठहराया है. शिक्षकों का कहना है कि एचओएस अपने हिसाब से सर्कुलर का मतलब निकाल रहे हैं और अतिथि शिक्षकों के प्रति मनमाना रवैया अपना रहे हैं.
बता दें कि 9 मई तक अपनी सेवाएं देने के बाद अतिथि शिक्षकों का कॉन्ट्रैक्ट समाप्त कर दिया गया था. वहीं जुलाई में भी इन शिक्षकों की जॉइनिंग के आर्डर बहुत देरी से जारी हुए लेकिन आर्डर जारी होने को करीब एक माह बीत जाने पर भी मिसलेनियस शिक्षक जॉइनिंग के लिए स्कूलों और डिस्ट्रिक्ट के चक्कर काट रहे हैं. वहीं ऑल इंडिया गेस्ट टीचर एसोसिएशन के सदस्य मनीष ने कहा कि इस समय अतिथि शिक्षकों को लेकर एचओएस अमानवीय व्यवहार पर उतर उतर आए हैं.
अंग्रेजों की नीति अपनाई जा रही है
जॉइनिंग देने के लिए डिस्ट्रिक्ट भेजते हैं और डिस्ट्रिक्ट से उन्हें शिक्षा निदेशालय भेजा जाता है. इस तरह अतिथि शिक्षकों के साथ तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने शिक्षा निदेशालय सहित सभी अधिकारियों से मिलकर ऐसी चाल चली है कि अतिथि शिक्षकों को छोटे-छोटे समूहों में नौकरी से बाहर किया जा रहा है जिससे उनमें एकजुटता ना हो. साथ ही उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की 'फूट डालो और राज करो' की नीति अब अतिथि शिक्षकों के बीच चलाई जा रही है.