नई दिल्ली: दिल्ली की शिक्षा मॉडल की चर्चा देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी है. दिल्ली में साल 2015 के बाद से दिल्ली की शिक्षा क्षेत्र में क्रांति लाने वाली दिल्ली सरकार का दावा है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर में काफी सुधार किया गया है. लेकिन आम आदमी पार्टी की सरकार में शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव के बावजूद भी सरकार की शिक्षा मॉडल को उनके शिक्षक ही ठेंगा दिखा रहे हैं. दरअसल, शिक्षा विभाग ने एक सरकारी स्कूल में औचक निरीक्षण किया, जिसमें घोर लापरवाही पाई गई. इसके बाद शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रमुख को नोटिस जारी कर पूछा कि इस पर एक्शन क्यों न लिया जाए. आइए जानते हैं किस स्कूल का मामला है.
एसकेवी में अधिकारियों ने किया औचक निरीक्षण
शिक्षा विभाग ने गोकलपुर विलेज स्थित एसकेवी में औचक निरीक्षण किया. इस दौरान विभाग को स्कूल में प्रशासन की कमी नजर आई. शिक्षक स्कूल परिसर में समूहों में खड़े थे. निरीक्षण टीम को देखकर शिक्षक अपने क्लासरूम को ओर बढ़े. समय सारिणी ठीक से मेनटेन नहीं थी और एचओएस के पास उपलब्ध सीबीएसई और डीओई (कक्षावार और शिक्षक) के मानदंडों और दिशानिर्देशों के अनुसार ठीक से तैयार नहीं किया गया था. अनुपस्थित शिक्षकों की व्यवस्था अवधि को उपलब्ध करने के लिए ठीक से वितरित नहीं किया गया था.
निरीक्षण के दौरान पाया गया कि दसवीं, सातवीं, आठवीं, बारहवी सहित अन्य क्लासेस की लगने वाली छठी पीरियड बिना शिक्षक के ही संचालित हो रही थी. विद्यालय में पदस्थापित कुल स्टाफ 145 (96 नियमित, 37 अतिथि शिक्षक, 08 गैर शिक्षण कर्मचारी, 04 अन्य स्टाफ) है, जिसमें से केवल 132 बायोमैट्रिक पर पंजीकृत थे. उपस्थिति मॉड्यूल अनुसार, केवल 58 कर्मचारियों ने बायोमेट्रिक के माध्यम से उपस्थिति दर्ज की थी. निरीक्षण के दौरान पाया गया कि शिक्षक बायोमीट्रिक पर उपस्थिति दर्ज नहीं करा रहे हैं. शिक्षक बिना सक्षम अनुमति के अवकाश पर थे. इनमें पीजीटी अंजू, (विज्ञान) केशर (सहायक शिक्षिका), मिथिलेश (पीजीटी हिंदी), रितु सिंह (भौतिकी), सुमन मौर्या (पीजीटी समाजशास्त्र), सुषमा कुमार (पीजीटी) सहित अन्य शिक्षक शामिल हैं. रेणु तोमर और वर्षा नामक दो आईटी सहायक तैनात हैं, दोनों ही एचओएस की पूर्व स्वीकृति के बिना स्कूल से अनुपस्थित थीं.