नई दिल्ली:राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए दिल्ली सरकार ने 15 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान पहले ही लागू कर दिया है. अब कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट की सिफारिश के तहत एक अक्टूबर से GRAP यानी (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू हो जाएगा. इसके बाद जब भी प्रदूषण खराब स्थिति में आएगा इसका पहला चरण लागू कर दिया जाएगा. इसके तहत बिना वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र की चल रही गाड़ियों पर भारी जुर्माना वाहन मालिक वसूला जाएगा. दिल्ली में चल रहे निर्माण कार्यों पर रोक लग जाएगी. साथ ही डीजल चालित जनरेटर का इस्तेमाल बंद हो जाएगा.
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय का कहना है कि अक्टूबर शुरू होते ही दिल्ली एनसीआर की हवा में प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ जाता है. प्रदूषण की रोकथाम के लिए ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान लागू होने के बाद कई तरह की पाबंदियां लग जाती है. इससे प्रदूषण को नियंत्रित रखने में काफी हद तक मदद मिलता है.
GRAP में अलग-अलग चरण बनाए गए हैं. प्रदूषण के स्तर के अनुसार यह चरण लागू हो जाता है. ग्रेप के चौथे चरण में सख्त पाबंदियां रहती है. इसमें प्रदूषित ईंधन वाले ट्रकों के परिचालन पर रोक, डीजल गाड़ियों की दिल्ली में एंट्री पर रोक, सभी तरह के निर्माण जैसी कई पाबंदियां रहती है. ग्रेड रिस्पांस एक्शन प्लान को लागू करने के लिए जो चार चरण बनाए गए हैं वह चार चरण प्रदूषण के स्तर को देखते हुए स्वत ही लागू माना जाएगा".
चार चरणों में लागू होंगी पाबंदियांःएयर क्वालिटी इंडेक्स 201 से 300 के बीच होने पर ग्रेप का पहला चरण, 301 से 400 के बीच होने पर दूसरा चरण, 401 से 450 के बीच होने पर तीसरा चरण और 450 से अधिक होने चौथा चरण लागू हो जाएगा.जानिए, किस चरण में क्या-क्या होगा...
- वाहनों चालकों के लिए वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है, अन्यथा 10 हजार जुर्माना लगाया जाएगा.
- ग्रेप लागू होने के बाद दिल्ली में कई टीमें सघन जांच अभियान के लिए उतर जाती है.
- दूसरा दिल्ली एनसीआर में बिजली की आपूर्ति पूरी तरह से डीजल पर ना हो किसी भी सोसाइटी औद्योगिक इकाई में अगर डीजल जनरेटर का इस्तेमाल हो रहा है तो उसे पर रोक लग जाती है.
- दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति के मुताबिक दिल्ली में उद्योग पूरी तरह से पीएनजी पर शिफ्ट हो चुके हैं इसलिए डीजल जेनसेट का इस्तेमाल पूरी तरह अवैध है.
- किसी भी व्यावसायिक और रिहायशी इलाके में निर्माण कार्य चल रहा होता है तो वहां पर धूल को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाने जरूरी हो जाता है.
- कंस्ट्रक्शन निर्माण सामग्री खुले में रखा जाता है तो उसे ढकने की व्यवस्था करनी होगी. पटाखों का प्रयोग पर पाबंदी होती है.