नई दिल्ली: दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की रोकथाम को लेकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) 1 अक्टूबर से लागू कर दिया है. इसके तहत प्रदूषण बढ़ने पर पाबंदियां भी बढ़ती जाएगी. इतना ही नहीं हर फेस के लिए लोगों को सिटीजन चार्टर का पालन करना होगा, जिससे दिल्ली एनसीआर में प्रदूषण न बढ़े. प्रदूषण फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी. पहले ग्रैप 15 अक्टूबर से 15 मार्च तक के लिए लागू किया जाता था. वर्ष 2022 से 1 अक्टूबर से ही ग्रैप लागू किया जाने लगा है.
पहले हवा में प्रदूषक कण 2.5 और पीएम 10 की स्थिति को देखते हुए ग्रैप की पाबंदियों को लागू किया जाता था. अब प्रदूषण के पूर्वानुमान के आधार पर पाबंदियां बढ़ाई या घटाई जाएगी. मौसम की स्थिति, हवा की गति, पराली जलाने की संख्या और अन्य स्त्रोतों से होने वाले प्रदूषण को देखते हुए तीन दिन पहले ही प्रदूषण का पूर्वानुमान लगाकर पाबंदियां बढ़ाई या घटाई जाएगी. इसकी सूचना सोशल मीडिया और एसएमएस से दी जाएगी.
31 दिसंबर तक चला सकते हैं डीजल जनरेटर
वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के मुताबिक आवश्यक सेवाओं को छोड़ आवासीय, व्यावसायिक और औद्योगिक इकाइयों में बिजली आपूर्ति हेतु डीजल जेनरेटर नहीं चलेंगे. अस्पताल, मेट्रो रेल सहित नौ तरह की आवश्यक सेवाओं को शर्तों के तहत 31 दिसंबर तक जनरेटर चलाने पर छूट दी गयी है. सोसायटी में सिर्फ लिफ्ट, पानी, कामन एरिया की लाइट के लिए जेनरेटर चला सकते हैं. 31 दिसंबर तक जेनरेटर में रेट्रोफिटेड एमिशन कंट्रोल डिवाइस लगाना होगा, इस डिवाइस के लगाने से प्रदूषण कम होता है. एक जनवरी बिना डिवाइस के आवश्यक सेवाओं के लिए भी जनरेटर चलाने पर रोक लग जायेगी.
फेज - 1: खराब (एक्यूआई 201 से 300 तक)
पाबंदियां:
- 10 साल से अधिक पुराने डीजल व 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों के चलाने पर रोक रहेगी. इसके खिलाफ चेकिंग अभियान चलाया जाएगा.
- कूड़ा जलाने (बायोमास बर्निंग) पर प्रतिबंध है, अभियान चलाकर कार्रवाई की जाएगी.
- होटलों, ढाबों में कोयले और लकड़ी के उपयोग पर प्रतिबंध है, उल्लंघन करने पर जुर्माना लगेगा.
फेज -1 में लोगों से अपील:
- वाहनों के इंजन की ट्यूनिंग करवाएं, टायर का प्रेशर ठीक रखें और पीयूसी सर्टिफिकेट अवश्य बनवाएं.
- इलेक्ट्रिक और हाईब्रीड वाहन का ज्यादा प्रयोग करें. लाल बत्ती होने पर वाहन को बंद कर दें.
- कूड़ा न जलाएं और खुले में कूड़ा न फेकें, 311 ऐप, ग्रीन दिल्ली ऐप और समीर ऐप पर प्रदूषण से जुड़ी शिकायत करें.