नई दिल्ली:दिल्ली हाईकोर्ट ने मंगलवार को कहा कि देशभर में हर तहसील में केंद्रीय विद्यालय खोलना केंद्र सरकार का नीतिगत फैसला है. अदालत ने इसके साथ ही एक जनहित याचिका में इस संबंध में उठाए गए मुद्दे पर निर्णय लेने की जिम्मेदारी सरकार पर छोड़ दी है.
चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इस मामले पर केंद्र सरकार फैसला लेगी। उसके बाद हाईकोर्ट ने इस याचिका का निस्तारण कर दिया.
'देश के हर उप-जिले में एक केंद्रीय विद्यालय'
याचिका बीजेपी नेता और वकील अश्विनी उपाध्याय ने दायर किया था. याचिका में मांग की गई थी कि देश के हर उप-जिले में कम से कम एक केंद्रीय विद्यालय खोला जाए. याचिका में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस के लिए दिशानिर्देश जारी करने की मांग की गई थी.
याचिका में कहा गया था कि केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को दिशानिर्देश जारी किया जाए कि पूरे देश भर के स्कूलों में कक्षा एक से कक्षा आठवीं तक समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता, देश की एकता और अखंडता जैसे विषयों पर एक समान पाठ वाले पुस्तकें मुहैया कराने का आदेश दिया जाए. याचिका में कहा गया था कि उन पाठों से जुड़ी पुस्तकें ही छात्रों को अनिवार्य रुप से पढ़ाने के लिए दिशानिर्देश जारी किए जाएं.