नई दिल्ली: दिल्ली सरकार में मंत्री और आम आदमी पार्टी दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष गोपाल राय ने कहा कि आज पूरे देश के अंदर आप मोदी हटाओ देश बचाओ का पोस्टर अभियान चला रही है. अभी अलग-अलग राज्यों से सूचना आई है कि 22 राज्यों में अलग-अलग भाषा में यह पोस्टर पूरे देश भर में लगाए जा रहे हैं, जिसमें हिंदी, अंग्रेजी, पंजाबी, गुजराती, बंगाली, ओडिशा, असम, आंध्रा, केरला, कर्नाटक, गोवा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, बिहार, उत्तर प्रदेश और हिमाचल प्रदेश में पोस्टर लगाए गए हैं.
गोपाल राय ने कहा कि मोदी हटाओ देश बचाओ का पोस्टर अभियान 23 मार्च को शहीद दिवस के मौके पर शुरू किया गया था. जंतर-मंतर पर बड़ी सभा आयोजित की गई थी. उन्होंने कहा कि हम इस पोस्टर के माध्यम से कहना चाहते हैं कि पीएम मोदी ने मजदूरों के कानूनों के हक को छीना, यूनिवर्सिटी के छात्रों का दमन किया गया. युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है. महिला सुरक्षित नहीं है, इन समस्या को समाधान निकालने की जगह पूरी ताकत के साथ पीएम ने जिद्द पकड़ ली है कि वह इस देश की लोकतांत्रिक व्यस्था को खत्म करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा कि हमें जो आजादी मिली उसकी बुनियाद है हमारा सांसद, इसकी मूल आधार है सत्ता पक्ष और विपक्ष, इनके बिना भारत की कल्पना नहीं की जा सकती है. पीएम चाहते हैं कि सत्ता सिर्फ उनकी हो, लेकिन विपक्ष नहीं होना चाहिए. उन्होंने कहा की देश में आजादी के बाद स्वतंत्र एजेंसी बनाई गई, ताकि स्वतंत्र जांच हो सके, लेकिन मोदी ने इन एजेसियों को अपनी मुठ्ठी में रखा हुआ है. लोगों का विश्वास इन एजेंसी से खत्म हो रहा है. अब लोगों को चिंता हो रही है कि अगर पीएम मोदी रहते हैं, तो देश का संविधान और लोकतंत्र नहीं बचेगा. विपक्ष को अगर कुचल दिया जाएगा तो देश खतरे में होगा.
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गोपाल राय ने कहा कि मोदी हटाओ देश बचाओ के अभियान में अगला चरण 10 अप्रैल से शुरू होगा. देशभर के विश्वविद्यालय में पोस्टर कैंपेन चलाया जाएगा, छात्रों के साथ मिलकर वहां पर मोदी हटाओ देश बचाओ के नाम पर चर्चा की जाएगी. वहीं, गोपाल राय ने देश में पीएम मोदी कैसा होना चाहिए पढ़ा लिखा या अनपढ़ पर जवाब देते हुए कहा कि पीएम के लिए एक जनरल सवाल है. इसका विधानसभा में सदन के अंदर केजरीवाल के बयान से कुछ भी लेना नहीं हैं हालांकि, उन्होंने कहा कि जिसे जो समझना है वह समझ सकता है. हम यह कह रहे हैं कि यह एक जनरल सवाल है कि देश में प्रधानमंत्री पढ़ा लिखा होना चाहिए या नहीं. हम हर चुनाव में पूछते हैं कि प्रधानमंत्री कैसा होना चाहिए.