नई दिल्लीः केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में सोमवार को आम आदमी पार्टी ने भी सामूहिक उपवास पर बैठने का ऐलान किया है. इस दिन किसानों ने भी दिन भर सामूहिक उपवास की घोषणा की है.
गोपाल राय ने केंद्र सरकार पर साधा निशाना ट्वीट करते हुए गोपाल राय ने कहा कि कल दिल्ली में ITO पार्टी मुख्यालय पर पार्टी के पदाधिकारियों, विधायकों और पार्षदों द्वारा सुबह दस बजे से शाम पांच बजे तक किसानों के समर्थन में सामूहिक उपवास किया जाएगा. आम आदमी पार्टी किसानों की मांगों के समर्थन में पूरी तरह से हर कदम पर किसानों के साथ खड़ी है.
आम आदमी पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए पार्टी के दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने कहा कि किसान आंदोलन में शामिल 11 किसानों की जान अब तक जा चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार अहंकार में चूर है. उन्होंने कहा कि सरकार सोचती है कि वे आंदोलन को तोड़ देंगे, किसानों को बदनाम कर देंगे और किसान घर चले जाएंगे, लेकिन वे गलत हैं.
पार्टी दफ्तर में उपवास का कार्यक्रम
गोपाल राय ने कहा कि किसानों ने कल सामुहिक उपवास का ऐलान किया है, उनके समर्थन में आम आदमी पार्टी के देशभर के कार्यकर्ता भी बिना झंडा-टोपी के उपवास करेंगे. उन्होंने बताया कि कल सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक आईटीओ पार्टी दफ्तर में विधायक, पार्षद और नेता सभी सामूहिक उपवास पर बैठेंगे. गोपाल राय ने कहा कि इसके अलावा, पार्टी की तरफ से सेवादारी का काम चलता रहेगा.
प्रधानमंत्री पर भी निशाना
प्रधानमंत्री द्वारा अलग अलग मंचों पर किसानों की बात कर, किसानों से सीधे तौर पर बात न करने को लेकर भी गोपाल राय ने प्रधानमंत्री को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि बनारस में प्रधानमंत्री किसानों की बात कर रहे हैं, फिक्की के अधिवेशन में किसानों की बात कर रहे हैं, लेकिन किसानों से सीधे तौर पर बात नहीं कर रहे. गोपाल राय ने कहा कि सरकार को किसानों की बात मान लेनी चाहिए.
'तो क्या आतंकियों से वार्ता हो रही थी'
गोपाल राय ने कहा कि किसानों के साथ केंद्र सरकार की छह राउंड की वार्ता हो चुकी है, सरकार ने भी माना कि कृषि कानून में खामियां हैं, लेकिन फिर सरकार किसानों की मांग क्यों नहीं मान रही. किसानों को आतंकवाद और खालिस्तान से जोड़ने वाले भाजपा नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के बयान को लेकर सवाल करने पर गोपाल राय ने कहा कि अगर वे खालिस्तानी, आतंकी हैं, तो क्या सरकार अब तक आतंकियों से वार्ता कर रही थी.