नई दिल्ली: दिल्ली यूनिवर्सिटी (डीयू)में कई राज्यों से छात्र पढ़ने आते हैं. दाखिला लेने के बाद छात्रों की सबसे बड़ी समस्या रहने की होती है. जो छात्र दूसरे राज्यों से और देशों से यहां पढ़ने आते हैं उनकी इच्छा होती है कि वह के साथ यहां हॉस्टल भी पा सकें.
हालांकि हॉस्टल की कमी होने के कारण हर छात्र को यहां पर हॉस्टल की सुविधा नहीं मिल पाती.
बढ़ाई जाएगी डीयू में हॉस्टल की संख्या
डीयू प्रशासन ने छात्रों की सबसे बढ़ी समस्या का समाधान ढूंड लिया है. जल्द ही विश्वविद्यालय में हॉस्टल्स की संख्या बढ़ाने पर काम किया जाएगा. दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विजय वर्मा ने बताया कि दाखिले के बाद हॉस्टल के लिए भी रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया होती है जिसके बाद ही कुछ चुनिंदा छात्रों को कॉलेजों में हॉस्टल की सुविधा मिल पाती है.
दूसरे राज्यों के छात्रों को हॉस्टल की सुविधा जरूरी
प्रोफेसर विजय वर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय शिकायत समिति के सदस्य हैं. छात्रों की हॉस्टल समस्या पर प्रोफेसर ने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन इस मामले में तेजी से काम कर रहा है. उन्होंने कहा जो छात्र दूसरे राज्य व देशों से आते हैं उन्हें अधिक प्रायोरिटी दी जाती है, क्योंकि उन छात्रों को दिल्ली में पढ़ने के साथ-साथ रहने की जगह देना हमारी प्राथमिकता होती है.
डीयू में बन रहे हैं नए हॉस्टल्स किन किन कॉलेजों में है हॉस्टल की सुविधा?
जिन कॉलेजों में अंडर ग्रेजुएट छात्रों को हॉस्टल की सुविधा दी जाती है और उन में कितनी सीटें छात्रों के लिए उपलब्ध है उसमें दिल्ली विश्वविद्यालय का भारती कॉलेज जिसमें 52, दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज 180, दौलत राम कॉलेज 202, हंसराज कॉलेज 202, हिंदू कॉलेज 379, इंद्रप्रस्थ कॉलेज 450, किरोड़ीमल कॉलेज 180, एलएसआर कॉलेज 295, लेडी इरविन कॉलेज 170 है.
मिरांडा हाउस 361, रामजस कॉलेज 196, श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स 198, श्री वेंकटेश्वरा कॉलेज 147, एसजीटीबी खालसा कॉलेज 147, महाराजा अग्रसेन कॉलेज 58, केशव महाविद्यालय 78, शहीद राजगुरू कॉलेज आफ अप्लाइड साइंस फॉर वूमेन 119, श्री गुरु गोविंद सिंह कॉलेज ऑफ कॉमर्स 125, शहीद सुखदेव कॉलेज ऑफ बिजनेस स्टडीज 108 सीटें उपलब्ध है.
सभी छात्रों को हॉस्टल देना मुश्किल
इन सभी कॉलेजों में मेरिट बेस पर छात्रों को हॉस्टल मिलते हैं, इनमें से कुछ महिला कॉलेज है जिसमें सिर्फ महिलाओं के लिए ही हॉस्टल की सुविधा है. वहीं कुछ कोएड कॉलेज हैं जिसमें महिला और पुरुषों दोनों के लिए हॉस्टल की लिमिटेड सीट उपलब्ध है. सभी को मिलाकर करीब 5 हजार हॉस्टल की सुविधा है. वहीं छात्रों की संख्या 62 हजार से ज्यादा है ऐसे में सभी को हॉस्टल देना मुश्किल है.