नई दिल्ली:वर्ष 2012 में दिल्ली के छावला इलाके में हुए गैंगरेप मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी तीनों आरोपियों को आरोप मुक्त कर दिया. इससे पहले दिल्ली हाईकोर्ट ने आरोपियों को मृत्युदंड की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी आरोपियों को आरोपों से मुक्त किए जाने पर पीड़ित परिजनों ने बेहद निराशा व्यक्त की है. देर शाम तक वह सुप्रीम कोर्ट के बाहर ही खड़े रहे. परिजनों का कहना था कि उन्हें न्याय के मंदिर से निराशा हाथ लगी है. पीड़िता की मां ने बताया कि वह सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक बार फिर पुनर्विचार याचिका दाखिल करेंगे.
ईटीवी भारत से बात करते हुए पीड़िता की मां ने बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले से निराश हैं. आरोपियों को छोड़ने से न सिर्फ ऐसे जघन्य अपराध करने वालों को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पीड़िता की आत्मा को दुख भी पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि हमारी बच्ची के साथ अपराध हुआ और उन अपराधियों को बिना किसी दंड के छोड़ दिया गया है.