नई दिल्ली: मथुरा रोड स्थित पुराना किला इन दिनों चर्चा में है. इसकी दो वजह है. सबसे पहली यह कि यहां पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) महाभारत काल को खोज रहा है. दूसरी वजह है कि दिल्ली में मशहूर इस किले में जी 20 को लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. यह कार्यक्रम भारत सरकार की संस्कृति मंत्रालय द्वारा किए जायेंगे. कार्यक्रम सितंबर में तय है.
वहीं दूसरी तरफ विदेशी मेहमान यहां आयेंगे. इसके किए पुराना किला में संरक्षण, सौंद्रयीकरण का काम तेजी से किया जाएगा. भारत जी-20 जैसे बड़े सम्मेलन की पहली बार अध्यक्षता कर रहा है, जिसे लेकर दिल्ली के ऐतिहासिक धरोहर को संवारने का काम तेज किया गया है. एएसआई की प्लानिंग है कि विदेशी मेहमान पुराने किले के ठीक सामने वाली झील में बोटिंग का लुत्फ भी उठा सके.
हालांकि, मौजूदा समय में बोटिंग नहीं होती है. फिलहाल, इस पर विचार किया जा रहा है. वहीं अगर संरक्षण कार्य के बारे में बात करें तो यहां किले की चारों तरफ की बाउंड्री वॉल को दुरुस्त किया जाएगा. किले के अंदर मस्जिद और बावली पर भी काम शुरू किया जाएगा. साथ ही गार्डिंग भी बेहतर की जाएगी. लाइटनिंग की व्यवस्था भी दुरुस्त की जाएगी.
विदेशी मेहमान देखेंगे उत्खनन साइटस:एएसआई के एक अधिकारी के अनुसार, अब तक एएसआई ने चार बार पुराने किले के पीछे वाली छोर पर खुदाई की. इस बार यह 5वां प्रयास है. उन्होंने बताया कि जी20 समिट में आए अन्य देशों के प्रतिनिधि हमारे किए गए उत्खनन कार्य को देखेंगे. इसको आने वाले समय में आम जनता भी देख पाएंगी. पुराना किला में सबसे पहले साल 1954-55 और दूसरी बार 1969-73 को पुरातत्वविद् बीबी लाल की अगुवाई में उत्खनन कार्य किया गया था.
महाभारत काल के अवशेष ढूंढ रहा ASI:एएसआई अधिकारी के अनुसार, एएसआई को अब तक खुदाई में राजपूत काल, सल्तनत काल, कुषाण, शुंग व मौर्यकालीन काल के अवशेष मिले हैं, लेकिन अभी तक महाभारत काल से जुड़ी चीज नहीं मिल पाई है. हालांकि, एएसआई के अधिकारी का यह कहना है कि जो अवशेष हमें मिले हैं उससे यह अनुमान लगाया जाता है कि यहां व्यापार का बड़ा केंद्र था. लोग एक जगह से दूसरी जगह आने और अपना माल खरीदने और बेचने के लिए आते रहे होंगे.