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सीज़न में भी नहीं बिक रहे आम, विक्रेता परेशान...देखिए स्पेशल रिपोर्ट - दिल्ली में लॉकडाउन

दिल्ली में लॉकडाउन और कोरोना वायरस की मार फल विक्रेताओं पर भी पड़ी है. खासकर आम विक्रेता इस समय बेहद नाराज हैं और लॉकडाउन को कोस रहे हैं, क्योंकि विक्रेता मंडियों से फल खरीदकर तो ले आते हैं, लेकिन बिक्री नहीं हो रही है.

fruit sellers upset due mangoes not selling after lockdown
फल विक्रेता

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Published : Jun 22, 2020, 2:28 PM IST

नई दिल्लीः इन दिनों जगह-जगह फलों के ठेले नजर आ रहे हैं. लेकिन अफसोस की बात है कि इन ठेलों पर खरीददार नहीं पहुंच रहे हैं. इन दिनों फल विक्रेता आम, लीची और गर्मी से जुड़े अन्य फल मंडी से खरीदकर ला रहे हैं, लेकिन माल नहीं बिकने के चलते उन्हें नुकसान झेलना पड़ रहा है. विक्रेताओं का कहना है कि माल नहीं बिकने के कारण फल खराब हो रहे हैं.

बिक्री नहीं होने के कारण फल विक्रेता परेशान

फल विक्रेता गोपाल ने बताया की गर्मियों के सीजन में आम की डिमांड ज्यादा होती है. लेकिन अभी डिमांड बहुत कम है. खरीदार फल खरीदने के लिए नहीं आ रहे. जिससे मंडी से लाया हुआ माल सड़ कर खराब हो रहा है. उन्होंने बताया कि जहां पहले 500 से 600 रुपए की रोजाना कमाई हो जाती थी, अब 300 रुपए तक भी कमाना मुश्किल हो रहा है.

लीची की रेहड़ी लगाने वाले कालूराम ने बताया कि लोग आते हैं और दाम पूछ कर चले जाते हैं. आम और लीची बेचने के लिए रेहड़ी लगाई है. लेकिन खरीदार ही नहीं आ रहे हैं. जबकि गर्मियों में इन फलों की काफी मांग होती थी. लोग इन्हें खूब खरीदते थे, लेकिन इस साल लोग फल खरीदने के लिए आ ही नहीं रहे हैं.

300 रुपए भी कमाना मुश्किल!

'खर्च चलाना मुश्किल'

एकअन्य फल विक्रेता सिकंदर शाह ने बताया कि पहले जहां माल बेचने के लिए कम पड़ जाता था, लोग भारी डिमांड करते थे, लेकिन अब एक भी खरीदार नहीं है. अधिकतर लोग अपने गांव चले गए हैं.

लॉकडाउन का पड़ा है असर!

लॉकडाउन में कोई काम नहीं हुआ और अनलॉक होने के बाद भी कोई काम नहीं हो रहा है. वहीं सभी खर्चे बरकरार है. जगह का किराया, मकान का किराया, घर का खर्च सभी चीजें देखनी है, लेकिन कमाई बिल्कुल नहीं हो रही है.

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