नई दिल्ली:राजधानी में प्रदूषण की रोकथाम को लेकर सोमवार को दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 28 विभागों के अधिकारियों के साथ दिल्ली सचिवालय में बैठक की. इस दौरान यातायात के सार्वजनिक वाहनों की फ्रीक्वेंसी को बढ़ाने का निर्णय लिया गया. अभी तक दिल्ली में जहां मेट्रो सात से आठ मिनट में आया करती थी, वहीं अब यह पांच से छह मिनट में आएगी. साथ ही बसों की भी फ्रीक्वेंसी बढ़ाई जाएगी, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग सार्वजनिक वाहनों का उपयोग कर के समय से गंतव्य तक पहुंच सके. इतना ही नहीं इसके साथ प्रदूषण के रोकथाम को लेकर अन्य कई महत्वपूर्ण निर्णय भी लिए गए हैं.
आठ नए हॉटस्पॉट बने:मंत्री ने बताया कि दिल्ली में पहले 13 हॉटस्पॉट चिह्नित किए गए थे. इन सभी हॉटस्पॉट का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 300 से अधिक है. इनके अलावा आठ नए हॉटस्पॉट भी चिह्नित किए गए हैं. इसमें शादीपुर, आईटीओ, मंदिर मार्ग, नेहरू नगर, पटपड़गंज, सोनिया विहार, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम और मोती बाग हैं, जहां एक्यूआई 300 से अधिक है. इन आठ जगहों पर नोडल अफसरों की टीम तैनात करने के आदेश दिए गए हैं. टीम वहां प्रदूषण के कारकों को चिह्नित कर उसपर काम करेगी, जिससे प्रदूषण के स्तर में गिरावट आए.
डस्ट सिट्रेसेंट पाउडर का होगा छिड़काव:सड़कों से उड़ने वाली धूल प्रदूषण के बड़े कारणों में से एक है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर अभी तक पानी का छिड़काव हो रहा था, लेकिन अब उसमें डस्ट सेट्रेसेंट पाउडर को मिलाकर छिड़काव किया जाएगा. इससे धूल के कण नीचे बैठ जाएंगे और धूल कम उड़ेगी. साथ ही दिल्ली में 91 जगहों को चिह्नित किया गया है, जहां काफी जाम लगता है. दिल्ली ट्रैफिक पुलिस से बात की गई है कि इन स्थानों पर दिल्ली ट्रैफिक पुलिस की टीम तैनात की जाए, ताकि वहां जाम न लगे.
मीटिंग में नहीं आए विभाग के सचिव, मंत्री राय ने मुख्यमंत्री को लिखा पत्रः प्रदूषण की रोकथाम को लेकर दिल्ली सचिवालय में सोमवार को पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने 28 विभागों के अफसरों के साथ बैठक की. राय का कहना है कि बैठक में किसी भी विभाग के सचिव नहीं पहुंचे. इससे जाहिर है कि विभागों के सचिव प्रदूषण की समस्या को लेकर गंभीर नहीं हैं. इस संबंध में उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखकर शिकायत भी की है. साथ ही उन्होंने CM से प्रदूषण की गंभीर स्थिति से निपटने के लिए अतिशीघ्र नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी की बैठक बुलाकर संवेदनशील अधिकारियों की नियुक्ति करने की मांग की है.
उन्होंने कहा कि प्रदूषण के लिहाज से आने वाला एक महीना चुनौती पूर्ण है. सभी विभागों को मिलकर काम करना पड़ेगा, जिससे प्रदूषण की रोकथाम की जा सके और लोगों को स्वच्छ हवा मिले. हालांकि इस साल प्रदूषण का स्तर रिकॉर्ड स्तर पर काम रहा है. ऐसे दिनों की संख्या इस वर्ष ज्यादा रही जब प्रदूषण कम रहा है.