नई दिल्ली: नॉर्थ वेस्ट जिले की साइबर थाना पुलिस ने खाड़ी देशों में नौकरी दिलाने का झांसा देकर 500 लोगों को ठगने वाले चार ठगों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने इनके कब्जे से 377 पासपोर्ट और छह मोबाइल बरामद किए हैं. पुलिस का कहना कि ये लोग सोशल मीडिया पर विदेश में नौकरी आदि का विज्ञापन देकर लोगों को अपने जाल में फंसाते थे. ये टर्की और दुबई में वर्क वीजा पर भेजने के नाम पर प्रति व्यक्ति 60 हजार से से 80 हजार रुपये वसूलते थे.
रुपये मिलने के बाद ये लोग कुछ दिन टालमटोल करते थे और उसके बाद संबंधित व्यक्ति का मोबाइल नंबर ब्लॉक कर देते थे. आरोपियों की पहचान मंगोलपुरी निवासी रोहित सिन्हा, यूपी के देवरिया निवासी वीरेंद्र सिंह, राजमान कुशवाहा और रविंदर सिंह के रूप में हुई है. रोहित सिन्हा इस गिरोह का मास्टरमाइंड है. पुलिस को जांच में यह भी पता चला है कि ये लोग हर 5 महीने पर अपना ऑफिस बदल देते हैं.
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उत्तर पश्चिम जिले के डीसीपी जितेंद्र कुमार मीणा ने बताया कि एक पीड़ित रंजीत कुमार ने पुलिस से शिकायत की थी कि उन्होंने फेसबुक पर एक विज्ञापन देखा था. इसमें विदेश में नौकरी दिलाने की बात कही गई थी. उन्होंने विज्ञापन में दिए गए एड्रेस अल्फा इंटरप्राइजेज, नेताजी सुभाष पैलेस पर जाकर संपर्क किया. उन्हें बताया गया कि 80 हजार रुपये प्रति व्यक्ति में ये लोग वर्क वीजा पर टर्की और दुबई में नौकरी के लिए भेजते हैं. रंजीत अपने 5 दोस्तों के साथ गए थे. 5 लोगों को टर्की भेजने के लिए ढाई लाख रुपए में सौदा तय हुआ और इन लोगों ने ढाई लाख रुपए अल्फा इंटरप्राइजेज के ऑफिस में जमा करवा दिए.
सभी ने अपने अपने पासपोर्ट भी इनके ऑफिस में जमा करा दिए. आरोपियों ने कहा था कि 2 माह के अंदर में उन्हें विदेश भेजने के लिए सारे इंतजाम कर देंगे, लेकिन 4 महीने बाद भी उनका काम नहीं हुआ. ये लोग अपने पैसे वापस मांगने लगे तो आरोपियों ने इनकी कॉल को रिसीव करना बंद कर दिया, उनके मोबाइल नंबर ब्लॉक कर दिए. तब इन्हें ठगी का एहसास हुआ. पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की.
साइबर थाना एसएचओ इंचार्ज इंस्पेक्टर विजेंदर सिंह के नेतृत्व में एक पुलिस टीम ने जांच शुरू की. मोबाइल नंबर सर्विलांस के आधार पर पुलिस ने रोहित सिन्हा के मंगोलपुरी स्थित घर से उसे गिरफ्तार किया. उसकी निशानदेही पर अन्य तीनों आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने इनके ऑफिस से 377 पासपोर्ट और 6 मोबाइल फोन बरामद किए. जांच में पता चला कि विरेंद्र, राजमान और रविंदर पहले दुबई में रह चुके हैं और वहां काम कर चुके हैं. तीनों आठवीं तक पढ़े हैं. 2020 में तीनों भारत वापस आ गए और ठगी करने लगे. वहीं गिरोह का सरगना रोहित सिन्हा ग्रेजुएट है और मुंबई में काम कर चुका है. उसने वहीं से ठगी में तकनीक का इस्तेमाल करना सीखा.
रोहित ने बताया कि उसने पहले नेताजी सुभाष प्लेस में अल्फा इंटरप्राइज के नाम से ऑफिस खोला था. 200 लोगों को ठगने के बाद इन लोगों ने वहां ऑफिस बंद कर दिया और उत्तम नगर में आकाश इंटरनेशनल नाम से नया ऑफिस खोला. 2 साल के दौरान आरोपियों ने 500 से ज्यादा लोगों से विदेश भेजने के नाम पर ठगी की.
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