चार दिवसीय रामायण मेला का आयोजन नई दिल्ली:दिल्ली के पुराना किला परिसर में गुरुवार को केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी ने अंतरराष्ट्रीय रामायण मेला का उदघाटन किया. कार्यक्रम का आयोजन 18 से 21 जनवरी तक होगा. मीनाक्षी लेखी ने कहा कि करीब पांच सौ साल के लंबे संघर्ष के बाद अयोध्या में प्रभु श्री राम अपने घर विराजमान हो रहे हैं. रामायण उत्सव देश ही नहीं, कई दूसरे देशों में भी आयोजित होगा. केंद्रीय मंत्री के अनुसार, रामायण उत्सव कार्यक्रम इस वर्ष चित्रकूट, अयोध्या, सीतामढ़ी, कर्नाटक, वाराणसी, कन्याकुमारी, सहित रामायण से जुड़े अन्य नगरों में किए जाएंगे.
दिल्ली के पुराने किला परिसर में 18 से 21 जनवरी तक रामायण मेला का आयोजन किया जा रहा है रामायण मेला में राम भक्ति से सरोबोर देश में होने वाले कार्यक्रमों के साथ विदेश में होने वाले रामलीलाओं का भी प्रदर्शन होगा. सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक चलने वाली इस मेला में दर्शकों का प्रवेश निशुल्क होगा. इस बार इंडोनेशिया, मलेशिया, श्रीलंका, थाईलैंड, कंबोडिया, सिंगापुर एवं रसियन फेडरेशन द्वारा वहां होने वाले रामलीला का प्रदर्शन इस मेले में किया जाएगा.
दिल्ली के पुराने किला परिसर में रामायण उत्सव का उद्घाटन कला एवं संस्कृति मंत्री मीनाक्षी लेखी ने किया. आईसीसीआर 'रामायण परंपरा के माध्यम से दुनिया को जोड़ने' वाली विषय पर आधारित एक बहुआयामी प्रस्तुति प्रस्तुत करने जा रहा है. इसमें सात देशों की रामलीला का लाइव प्रदर्शन किया जाएगा. इसके साथ चार दिवसीय रामायण मेला में कला और शिल्प प्रदर्शनियों के लिए भी एक मंच होगा. इस अनूठे प्रदर्शन में महिलाओं को भगवान राम और लक्ष्मण की भूमिकाओं में दिखाया गया है, जो सामान्य जीवित विरासत से बिल्कुल अलग है.
में चार दिवसीय रामायण मेला का आयोजन, विदेशी कलाकारों ने लिया हिस्सा कार्यक्रम के बाद थाईलैंड के खोन नृत्य मंडली द्वारा रामायण का प्रदर्शन किया जाएगा, जिसमें रावण द्वारा सीता के अपहरण के आसपास का दृश्य दिखाया जाएगा. मलेशिया के ललित कला मंदिर द्वारा अगली शाम प्रदर्शन उनकी रामायण सामग्री में भारतीय नृत्य रूपों की समृद्धि को दर्शाएगा. शाम में लाओस के रॉयल बैले मंडली लुआंग प्रबांग द्वारा 'फ्रा-लाक फ्रा-लैम' शीर्षक से एक प्रस्तुति पेश की जाएगी, जो 'गोल्डन डियर और सीता के अपहरण' की थीम पर आधारित होगी.
इसके अलावा तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस पर आधारित प्रसिद्ध कथक नृत्य प्रतिपादक पं. अनुज मिश्रा का नृत्य होगा. कार्यक्रम का समापन प्रसिद्ध मोहिनी अट्टम नृत्य प्रतिपादक जयप्रभा मेनन द्वारा 'सीता उवाच' विषय पर नृत्य प्रदर्शन होगा.