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DU के बाउंटा रिज पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने की बैठक, कुत्तों के काटने की समस्या पर की चर्चा - DELHI NCR NEWS

दिल्ली यूनिवर्सिटी के बाउंटा रिज पर पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कुत्तों के काटने की समस्या पर बैठक की. बैठक में यह प्रस्ताव किया गया कि नसबंदी के कार्यक्रम के साथ-साथ कुत्तों को एंटी रेबीज इंजेक्शन और काटने वाले भयंकर कुत्तों के लिए अलग से बाड़ा बनाया जाना चाहिए.

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Published : Jun 3, 2023, 10:41 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली में आवारा कुत्तों के काटने की समस्या को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के बाउंटा रिज पर माॅर्निंग वाकर्स के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री विजय गोयल की बड़ी बैठक हुई, जिसमें यह चिंता जाहिर की गई कि रिज पर कुत्तों की समस्या गंभीर है. यहां हर दूसरे दिन कुत्ते काट लेते हैं, इसके साथ-साथ बंदरों की समस्या भी है. बीजेपी नेता विजय गोयल की इस बैठक में भी दो-तीन महिलाओं ने हंगामा करके बैठक को खराब करने की कोशिश की. वे खास एजेंडे के साथ आई थी. इन मीटिंगों में बाधा डालकर वे अपने आपको डॉग लवर दिखाने की कोशिश करती हैं, जबकि उनमें से एक भी आवारा कुत्तों को गोद लेने को तैयार नहीं है.

विजय गोयल ने कहा कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार है और दिल्ली नगर निगम में भी आम आदमी पार्टी है. मुख्यमंत्री और मेयर को चाहिए कि दिल्ली में कुत्तों की नसबंदी के कार्यक्रम को तेजी से चलाएं. अभी एक अनुमान के अनुसार दिल्ली में 8 लाख से ज्यादा कुत्ते हैं और कुत्तों के काटने के 2000 मामले प्रतिदिन अस्पतालों में आ रहे हैं. अगर षीघ्र ही ठोस कदम नहीं उठाए गए तो यह संख्या एक ही साल में दोगुनी से ज्यादा हो सकती है. बैठक में यह प्रस्ताव किया गया कि नसबंदी के कार्यक्रम के साथ-साथ कुत्तों को एंटी रेबीज इंजेक्शन और काटने वाले भयंकर कुत्तों के लिए अलग से बाड़ा बनाया जाना चाहिए.

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गोयल ने कहा कि अभी कुत्तों की नसबंदी का काम नगर निगम ने 20 संस्थाओं को सौंप रखा है, जिसमें भारी भ्रष्टाचार है. वे ठीक से काम नहीं कर रहे. नगर निगम को यह काम सीधे अपने हाथ में रखना चाहिए. गोयल ने यह भी कहा कि किसी आरडब्ल्यूए को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए कि वे कुत्तों को एक निष्चित जगह पर खाना दें. कुत्ता वह प्राणी है, जो कितने ही किलोमीटर चल कर खुद अपने लिए खाना ढूंढ सकता है. एनीमल वेलफेयर बोर्ड को अपने नियमों की तरफ दोबारा देखना पड़ेगा. कुत्तों और इंसानों दोनों को तकलीफ न हो, ऐसे कानून बनने चाहिए.

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