दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

डेढ़ दशक बाद भी आबाद नहीं हो पाए राजीव रतन आवास योजना में बने फ्लैट - rajeev ratan housing scheme in delhi

बवाना औद्योगिक क्षेत्र के समीप सेक्टर-3 में राजीव रत्न आवास योजना के तहत डेढ़ दशक पहले दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने झुग्गी वालों को फ्लैट देने के लिए बनाए थे. झुग्गी वालों को तो यह फ्लैट नहीं मिले. चंद फ्लैट वहां फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को मिले. तो वह भी वहां रहने की बजाय उसे किरायेदारों को हवाले कर दिया.

राजीव रतन आवास योजना में बने फ्लैट
राजीव रतन आवास योजना में बने फ्लैट

By

Published : Feb 11, 2022, 6:42 PM IST

नई दिल्ली : राजधानी में कांग्रेस के शासनकाल में झुग्गी वालों को पक्का मकान देने के लिए वर्ष 2008 में बाहरी दिल्ली के बवाना औद्योगिक क्षेत्र के समीप हज़ारों की संख्या में फ्लैट बनवाए गए थे. लेकिन वोट बैंक की राजनीति और निम्न वर्ग के लिए बनाए गए यह फ्लैट किन्हें दिए जाएं, इसको लेकर आज तक सभी फ्लैटों का आवंटन नहीं हो पाया. वहां के चंद फ्लैटों में जो लोग रह रहे हैं उनकी परेशानी भी कम नहीं हैं. नतीजा देखरेख के अभाव में यह फ्लैट जर्जर हो गए और आज इतना बड़ा हादसा.

बवाना औद्योगिक क्षेत्र के समीप सेक्टर-3 में राजीव रत्न आवास योजना के तहत डेढ़ दशक पहले दिल्ली की तत्कालीन शीला दीक्षित सरकार ने झुग्गी वालों को फ्लैट देने के लिए बनाए थे. झुग्गी वालों को तो यह फ्लैट नहीं मिले. चंद फ्लैट वहां फैक्ट्री में काम करने वाले कर्मचारियों को मिले. तो वह भी वहां रहने की बजाय उसे किरायेदारों को हवाले कर दिया.

राजीव रतन आवास योजना में बने फ्लैट
आलम यह है कि इन फ्लैटों में रेलवे लाइन किनारे बसी झुग्गी वालों को हटाकर विस्थापित करने की बात की जा रही है, वहां पर ना तो पीने का साफ पानी आता है और ना ही साफ सफाई होती है. गंदगी ऐसी कि उस इलाके से अनभिज्ञ लोग एक पल भी वहां नहीं ठहर सकते.

ये भी पढ़ें-गुरुग्राम के बाद बवाना में बड़ा हादसा, राजीव रतन आवासीय योजना के फ्लैट गिरे

यहां पर कोई 10 साल से तो कोई पांच साल से रह रहा है. हालांकि ये भी कह सकते हैं कि उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं कि किसी अन्य इलाके में रहें. समीप स्थित औद्योगिक क्षेत्र की फैक्ट्रियों में वे छोटा-मोटा काम करते हैं. थोड़ी बहुत आमदनी होती है इसी के चलते यहां पर रहना उनकी मजबूरी है.

दिल्ली अर्बन शेल्टर इंप्रूवमेंट बोर्ड का ऑफिस
यहां पर फ्लैट बने हुए लंबा अरसा हो गया, लेकिन पीने के पानी की आपूर्ति आज तक नहीं हुई है. टैंकरों के जरिए वे पानी खरीद कर पीते हैं. कहीं-कहीं अवैध रूप से बोरिंग लगा है तो प्रति परिवार 500 रुपये देकर खारा पानी लेते हैं. ताकि अन्य जरूरतें पूरी की जा सकें.इन फ्लैटों में झुग्गी वालों को बगैर बुनियादी सुविधाओं के कैसे बसाया जाएगा ? जर्जर हो चुके फ्लैटों को कब दुरुस्त किया जाएगा ? इस संबंध में जब डुसिब के सदस्य से बात की तो उनका कहना था कि दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार को पत्र लिखा है. फ्लैट बने हुए काफी साल हो गए. इसीलिए यहां मरम्मत की जरूरत है. इसके लिए जब केंद्र सरकार फण्ड देगी तब सुविधाएं यहां पर बहाल हो सकेंगी.

ABOUT THE AUTHOR

...view details