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NRI के खाते से सवा करोड़ रुपये निकाले, महिला समेत पांच गिरफ्तार

एक NRI के बैंक खाते से दिल्ली में सवा करोड़ रुपये की ठगी करने वाले पांच आरोपियों को दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने गिरफ्तार किया है. इनमें एक युवती भी शामिल है. पढ़िए कैसे इन आरोपियों ने वारदात को अंजाम दिया.

आरोपियों के साथ बरामद हुआ सामान
आरोपियों के साथ बरामद हुआ सामान

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Published : Oct 19, 2021, 7:29 PM IST

नई दिल्ली:राजेन्द्र नगर इलाके में रहने वाली एक NRI के बैंक खाते में कुछ जालसाजों ने सेंध लगा दी. उनके बैंक खाते से सवा करोड़ रुपये जालसाजों ने निकाल लिए. मध्य जिला की साइबर सेल ने इस मामले में एक युवती समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर 27 लाख रुपये नकद बरामद किए हैं. इसके अलावा ठगी की रकम से खरीदा गया मकान, दो आई फोन, गाड़ी आदि भी जब्त किए हैं. आरोपियों में ICICI बैंक का रिलेशनशिप मैनेजर भी शामिल है.

DCP श्वेता चौहान के अनुसार, NRI महिला कनिका गिरधर जर्मनी में रहती हैं. दिल्ली में राजेंद्र नगर इलाके में उनका घर है. बीते वर्ष उन्होंने पुलिस को शिकायत कर बताया कि उनका बैंक खाता ICICI बैंक में है. उन्होंने इस बैंक खाते में 1.35 करोड़ रुपये की FD (Fixed Deposit) की थी. कुछ अज्ञात लोगों ने उनके बैंक खाते में रखी इस रकम को निकाल लिया है. उन्हें इसका पता नहीं चला जिसके चलते उन्होंने बैंक कर्मचारी की मिलीभगत का शक जताया.

बैंक फ्रॉड मामले में महिला समेत पांच गिरफ्तार

कुछ समय पहले इस मामले की जांच राजेन्द्र नगर थाने से साइबर सेल को सौंपी गई. साइबर सेल ने छानबीन के बाद इस मामले में एक युवती समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. इनकी पहचान शैलेन्द्र पांडेय, सुमित पंडित, नीलम, जगदंबा पांडेय एवं आदर्श जायसवाल के रूप में की गई है.

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DCP श्वेता चौहान ने बताया कि इस जालसाजी का मास्टरमाइंड शैलेन्द्र पांडेय है. ICICI बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर सुमित पंडित ने उसे बताया कि जर्मनी की रहने वाली महिला कनिका गिरधर का खाता उनके बैंक में है. इस बैंक खाते में एक करोड़ 35 लाख रुपये हैं और खाता काफी समय से डी-एक्टिव है. इसलिए उन्होंने इस खाते में रखी रकम को निकालने की साजिश रची. सबसे पहले उन्होंने बैंक के साथ रजिस्टर्ड मोबाइल को अपने नाम पर ले लिया. इसके बाद नीलम ने फर्जी दस्तावेज बनाकर इस खाते का चेकबुक एवं ATM कार्ड ले लिया. इसके लिए उन्होंने साइबर तकनीक का इस्तेमाल किया जिसकी वजह से महिला को बैंक से कोई जानकारी नहीं मिली.

आरोपियों के साथ बरामद हुआ सामान

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आरोपियों ने इसके बाद फर्जी कंपनी बनाकर फरीदाबाद में दफ्तर खोला. उन्होंने आठ से 10 लोगों को काम पर रखा और इनके आधार कार्ड से 40 बैंक खाते खोल लिए. महिला के बैंक खाते से इन खातों में रुपये ट्रांसफर किए गए और फिर उसे ATM से निकाल लिया गया. ATM से रकम निकालने का काम जगदंबा पांडे और आदर्श जायसवाल ने किया.

मुख्य आरोपी शैलेन्द्र ने 41 लाख रुपये की बेनामी प्रॉपर्टी, कार एवं बाइक इस रकम से खरीद ली थी. पुलिस ने इन्हें जब्त कर लिया है. शैलेन्द्र पहले भी इस तरह की ठगी कर चुका है. बैंक कर्मचारी सुमित को नौकरी से निकाल दिया गया है.

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