नई दिल्ली: पीएनवी फाउंडेशन की तरफ से दिल्ली के इंडियन हैबिटैट सेंटर में शोकेस ओडिशा एवार्ड्स ऐंड कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया. ये इस आयोजन का चौथा संस्करण था जो पहली बार दिल्ली में आयोजित किया गया.
कार्यक्रम में वो लोग जो ओडिशा से हैं और अपने-अपने क्षेत्र में बड़ा नाम कमा चुके हैं. उन्हें सम्मानित किया गया.
5 हस्तियां शोकेस ओडिशा अवार्ड से सम्मानित दिल्ली में पहली बार आयोजन
इस कार्यक्रम के 3 संस्करण अब तक उड़ीसा में ही आयोजित हुए थे. लेकिन चौथा संस्करण पहली बार दिल्ली में आयोजित हुआ. आयोजकों की माने तो वो उन लोगों तक पहुंचे हैं, जो इस अवार्ड के हकदार हैं. लेकिन अवार्ड लेने के लिए उड़ीसा नहीं जा सकते हैं.
ओडिशा की हस्तियां सम्मानित
कार्यक्रम के आयोजक सत्यब्रत सानू राठो ने बताया कि इस कार्यक्रम का मकसद ओडिशा के प्रतिष्ठित और नामी लोगों को सम्मानित करना था. साथ ही इस कार्यक्रम का दिल्ली में आयोजित किए जाने के पीछे का मकसद ये था कि जो लोग ओडिशा नहीं पहुंच सकते. वो यहां आकर सम्मान ले सकें.
आयोजक सत्यब्रत ने कहा कि ओडिशा से आज बड़ी संख्या में लोग देश के अलग-अलग राज्यों में आकर बस चुके हैं. वो ना सिर्फ अपने क्षेत्र में सबसे अलग और सबसे बेहतर काम करके देश का नाम रोशन कर रहे हैं. बल्कि ओडिशा के भी मान सम्मान को बढ़ा रहे हैं. इस कार्यक्रम का मकसद यही है कि ऐसे लोगों को सम्मानित करके उन्हें प्रेरित करें और आने वाली पीढ़ी को एक प्रेरणा प्रदान करें.
ओडिशा की 5 हस्तियां सम्मानित
कार्यक्रम में 5 हस्तियों को सम्मानित किया गया. जिसमें महिलाओं के अधिकारों के लिए पिछले काफी समय से लड़ रही मानसी प्रधान शामिल हैं. उनके अलावा जगन्नाथ पांडा है. जिनकी चित्रकारी और मूर्तिकारी विश्व भर में प्रसिद्ध है.
इनके अलावा अद्वैता गणनायक जो नेशनल गैलरी ऑफ मॉडर्न आर्ट के डायरेक्टर जनरल है. अशोक चौधरी जो पेशे से डॉक्टर हैं. आर्यन मोहंती जो एक प्राइवेट कंपनी में सीईओ की पोस्ट पर नियुक्त हैं. इन सभी को अवॉर्ड शो में सम्मानित किया गया.
डॉ. अशोक चौधरी ने साझा किया अनुभव
इस दौरान अवॉर्ड शो में सम्मानित हुए डॉ. अशोक चौधरी से ईटीवी भारती की संवाददाता ने बात की. उन्होंने बताया कि वो दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ लीवर एंड बिलिअरी साइंस में सीनियर डॉक्टर के तौर पर कार्यरत हैं और लीवर ट्रांसप्लांट को लेकर कई सफल सर्जरी कर चुके हैं.
जिसके साथ उन्होनें लोगों के मन से लिवर ट्रांसप्लांट को लेकर जो डर बना हुआ था. उसको भी कहीं ना कहीं खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. डॉ. अशोक ने बताया कि इस तरह के अवार्ड समारोह से ना सिर्फ हौसला अफजाई होती है.
बल्कि उन्हें समाज में एक अलग पहचान भी मिलती है. वो खुश हैं कि आज वो ना सिर्फ अपने देश का नाम रोशन कर रहे हैं. बल्कि जिस राज्य से ताल्लुक रखते हैं. उसका भी सम्मान बढ़ा रहे हैं.