नई दिल्ली:दिल्ली हिंसा के दौरान हेड कांस्टेबल रतन लाल की हत्या के मामले के पांच आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है. जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद ने 16 अगस्त को फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस मामले के 11 आरोपियों ने जमानत याचिका दायर किया था. कोर्ट ने जिन पांच आरोपियों को जमानत दी है. उनमें मोहम्मद आरिफ, शादाब अहमद, फुरकान, सुवालीन और तबस्सुम शामिल हैं.
कोर्ट ने कहा कि अस्पष्ट साक्ष्यों और आम किस्म के आरोपों के आधार पर धारा 149 और 302 नहीं लगाया जा सकता है. कोर्ट ने कहा कि अगर भीड़ की बात आती है तो जमानत देते समय कोर्ट के लिए ये विचार करना महत्वपूर्ण है कि हर सदस्य गैरकानूनी भीड़ का हिस्सा है क्या.
दिल्ली हिंसा का आरोपी खालिद बोला - चार्जशीट है या 'फैमिली मैन' की स्क्रिप्ट
कोर्ट ने कहा कि जमानत का न्यायशास्त्र आरोपी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक सुरक्षा के बीच खाई को पाटने का काम करता है. व्यक्तिगत स्वतंत्रता सार्वजनिक व्यवस्था के लिए बाधक नहीं होनी चाहिए. सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश ASG एसवी राजू और स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्युटर अमित प्रसाद ने आरोपियों की उन दलीलों का विरोध किया था, जिसमें FIR और गवाहों के बयान दर्ज करने में देरी की गई.
हाई कोर्ट ने दिल्ली हिंसा से जुड़े एक आरोपी के खिलाफ चार FIR निरस्त की