नई दिल्ली: राजधानी में अपराधियों को पकड़ने से लेकर बड़े मामलों की तफ्तीश करने वाली दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच में पहली बार महिला डीसीपी की तैनाती की गई है. ये डीसीपी 2009 बैच की आईपीएस अधिकारी मोनिका भारद्वाज हैं. क्राइम ब्रांच से पहले वो पश्चिमी जिला और उत्तरी जिला डीसीपी की कमान संभाल चुकी हैं.
क्राइम ब्रांच को मिली महिला डीसीपी दिल्ली क्राइम ब्रांच में महिला डीसीपी की तैनाती
जानकारी के मुताबिक राजधानी में बड़े मामलों की जांच आमतौर पर क्राइम ब्रांच को सौंपी जाती है. जेएनयू में हुए हंगामे का मामला हो या दिल्ली में हुए दंगे का, ऐसे मामलों की जांच क्राइम ब्रांच में एसआईटी बनाकर की जाती है. इसके अलावा दिल्ली के टॉप बदमाशों को पकड़ने की जिम्मेदारी भी अपराध शाखा के पास होती है. ये दिल्ली पुलिस की महत्वपूर्ण यूनिट है. जिसमें पहली बार महिला डीसीपी की तैनाती की गई है. 2009 बैच की आईपीएस अधिकारी मोनिका भारद्वाज ने क्राइम ब्रांच की यूनिट में अपनी जिम्मेदारी संभाल ली है.
मोनिका भारद्वाज को मिली ये जिम्मेदारी
क्राइम ब्रांच के वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक मोनिका भारद्वाज के पास चाणक्यपुरी स्थित इंटरस्टेट सेल, रोहिणी स्थित एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट, हेड क्वार्टर, अकाउंट ब्रांच, लीगल सेल, आरटीआई सेल की जिम्मेदारी रहेगी. इंटरस्टेट सेल क्राइम ब्रांच की सबसे महत्वपूर्ण यूनिट मानी जाती है. इसके अलावा लापता बच्चों को तलाशने का काम पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव की प्राथमिकता है. इसलिए एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की जिम्मेदारी भी उनके लिए महत्वपूर्ण होगी.
बाकी डीसीपी के पास होंगी ये जिम्मेदारियां
क्राइम ब्रांच के डीसीपी डॉ. जॉय टिर्की एसओएस 1, एसओएस 2, आईजीआईएस, स्टार 1 और एसआईटी 1 ( उत्तर पूर्वी जिला दंगा) देखेंगे. डीसीपी राकेश पवारिया के पास नारकोटिक्स सेल, एसआईयू वन और एसआईयू टू की जिम्मेदारी होगी.
डीसीपी राजेश देव लीगल सेल (पीएचक्यू), एसआईटी 2 एवं एसआईटी 3 संभालेंगे जो दंगों की जांच को लेकर बनाई गई है.
डीसीपी भीष्म सिंह एसटीएफ, स्टार्स 2 और साइबर का कार्यभार देखेंगे. वहीं कंसल्टेंट के तौर पर काम कर रहे डीसीपी राजन भगत सीसीटीएनएस, डॉग स्क्वायड, फिंगरप्रिंट ब्यूरो, डोजियर सेल, सीनियर सिटीजन सेल, रिसर्च संभालेंगे.