नई दिल्लीः उत्तरी दिल्ली के मुखर्जी नगर इलाके के कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया है और सभी संबंधित विभागों को जांच के आदेश दिए हैं. घटना के बाद दोबारा से अब कोचिंग सेंटर संचालकों ने दिल्ली दमकल विभाग में एनओसी के लिए अप्लाई किया है, जिसमें कुछ संस्थानों को फायर विभाग की ओर से एनओसी दे दी गई है, जबकि 40 कोचिंग सेंटर्स को संचालकों को फायर विभाग की ओर से एनओसी देने से इनकार कर दिया गया है. पहली बार एनओसी के लिए अप्लाई करने वाले कोचिंग सेंटर्स संचालकों को फायर विभाग की ओर से एमसीडी में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कहा गया है.
बता दें, मुखर्जी नगर इलाके में बीते 15 जून को संस्कृति कोचिंग सेंटर में आग लगने की घटना का मामला अभी शांत नहीं हुआ था कि 27 सितंबर की रात मुखर्जी नगर इलाके में ही गर्ल्स पीजी में आग लग गई, जिसमें 35 लड़कियों की जान बचाई गई. लगातार आग लगने की घटना से छात्र-छात्राएं ही नहीं, उनके परिजन और इलाके के लोग भी परेशान हैं. कोचिंग सेंटर में 15 जून को आग लगने के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए पुलिस, एमडी और फायर विभाग को जांच के आदेश दिए थे.
इस जांच में पाया गया था कि कई कोचिंग सेंटर में फायर सेफ्टी उपकरण तक नहीं हैं और कई बिल्डिंग पूरी तरह से जर्जर हैं, जिनमें कोचिंग सेंटर चल रहे हैं. अब फिर विभाग ने मुखर्जी नगर इलाके में चल रहे 40 कोचिंग सेंटर्स को एनओसी देने से मना कर दिया है, जिन्हें एमसीडी में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए कहा गया है. कोचिंग सेंटर मालिकों का आरोप है कि फायर विभाग मनमानी तरीके से एनओसी दे रहा है. कोचिंग सेंटर मालिकों ने फायर विभाग पर आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ ऐसे संस्थान हैं, जिन्हें विभाग की ओर सीधे एनओसी दे दी गई है, लेकिन उन्हें ऑनलाइन एमसीडी में एनओसी के लिए आवेदन करने को कहा गया है.
2007 से पहले की बनी बिल्डिंग में कोचिंग संचालितः एमसीडी के अधिकारियों का कहना है कि जो बिल्डिंग अभी नई बनी है, उनके मालिक या कोचिंग सेंटर्स संचालक एनओसी के लिए एमसीडी के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं. इलाके में जिस बिल्डिंग में कोचिंग सेंटर चल रहे हैं, वह सभी पुरानी बनी हुई है. ज्यादातर बिल्डिंग 2007 से पहले की बनी हुई है. इसलिए विभाग की जिम्मेदारी बनती है कि इलाके में जितने कोचिंग सेंटर चल रहे हैं और जिन्होंने एनओसी के लिए आवेदन किया है, उन सभी बिल्डिंगों की विजिट की जानी चाहिए थी. अब फायर विभाग ने सीधे उनकी अर्जी को खारिज कर दिया है.