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दिल्ली में पटाखे खरीदने और जलाने पर जुर्माना, छह महीने की हो सकती है कैद भी - buying and burning firecrackers in Delhi

दिल्ली में सभी तरह के पटाखों की बिक्री, भंडारण और उत्पादन पर बैन (Ban on sale and storage of firecrackers) लगा दिया गया है. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताय कि लोगों को जागरूक करने के लिए 21 अक्टूबर को दिल्ली के कनॉट प्लेस में जन जागरूकता अभियान को शुरुवात हो रही है. इस दिन 51 हजार दिए जलाए जाएंगे. इसके आलावा कुल 408 टीमें गठित की गई हैं, जो पठाखे जलने वालों के खिलाफ एक्शन लेगी. (buying and burning firecrackers in Delhi)

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Published : Oct 19, 2022, 6:53 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने दीपावली के अगले दिन होने वाले प्रदूषण (Pollution on Diwali In Delhi) को रोकने के लिए अहम फैसले लिए हैं. दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि दीपावली दीए जलाकर सुंदर और स्वच्छ तौर पर मना सकते हैं. इसके लिए पटाखे छोड़ने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा कि लोगों को जागरूक करने के लिए 21 अक्टूबर को दिल्ली के कनॉट प्लेस में जन जागरूकता अभियान को शुरुआत हो रही है. इस दिन 51 हजार दिए जलाए जाएंगे, साथ ही दिल्ली में पटाखे के उत्पादन और भंडारण पर बैन लगाया गया है. इसके लिए टीम गठित कर दी गई हैं.

टीम हुई गठित, नियमों का उल्लंघन करने पर होगा एक्शन

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने ईटीवी से बातचीत के दौरान कहा कि रेवेन्यू विभाग, दिल्ली पुलिस और डीपीसीसी के साथ मिलकर बैठक हुई है. बैठक में चर्चा हुई की गत वर्ष कई जगहों से सूचना मिली थी कि पटाखों पर बैन के बावजूद भी लोगों ने पटाखे जलाए. इसलिए इस साल हमने पुलिस अधिकारियों से खास तौर पर कहा है की विशेष तौर पर इस पर ध्यान दे. दिल्ली पुलिस ने 210 टीमों का गठन किया है. इसमें एसीपी रैंक के अधिकारी निगरानी करेंगे. रेवेन्यू विभाग ने 165 टीमों का गठन किया है. वहीं डीपीसीसी ने 33 टीमों का गठन किया है. कुल 408 टीमें बनाई गई हैं. इन टीमों में 1289 लोगों को नियुक्त किया गया है.

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय

पटाखों के बिक्री, भंडारण, उत्पादन करने पर 6 महीने की जेल

दिल्ली में पटाखों के बिक्री, भंडारण, उत्पादन करने पर 5 हजार का जुर्माना के साथ 6 महीने की जेल होगी. इसके साथ ही साथ जो अवैध रूप से पटाखों की खरीदारी कर बेचते हैं और जलते हैं. उन पर 200 रुपए का जुर्माना के साथ 6 महीने की जेल होगी. दिल्ली में दीपावली के दिन यह टीमें दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में राउंड पर रहेगी. जहां नियमों का उल्लंघन किया जाएगा उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा.

जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा

गोपाल राय ने कहा कि लोगों में पटाखों को लेकर जो धारणाएं हैं उन्हें रोकने के लिए 21 अक्टूबर को कनॉट प्लेस में जन जागरूकता अभियान चलाया जाएगा. जिसमे 51 हजार दिया जलाया जाएगा. यहां से लोगों को संदेश दिया जाएगा की वह दीपवाली पर दिया जलाए, पटाखों से दूरी बनाए.

एनसीआर में भी पटाखों पर बैन लगाया जाए

गोपाल राय ने कहा कि बीते दिनों पहले केंद्रीय पर्यावरण मंत्री के साथ बैठक हुई थी, जिसमें हमने कहा है कि दिल्ली में जिस तरह से पटाखों के उत्पादन, भंडारण और बिक्री पर गत वर्ष की तरह इस साल भी प्रतिबंध लगाया गया है. लेकिन दिल्ली में प्रतिबंध लगाने से प्रदूषण कम नहीं होगा. इसलिए दिल्ली की तरह ही एनसीआर में भी पटाखों पर प्रतिबंध लगाया जाए.

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पटाखों एवं प्रदूषण पर गोपाल राय के बयान पर भाजपा का पलटवार

दिल्ली भाजपा के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि सर्दियों में प्रदूषण घटाने के लिए कदम उठाना आवश्यक है. जिस तरह आज मंत्री गोपाल राय ने दिवाली की रात जलने वाले पटाखों को दिल्ली के प्रदूषण का मुख्य कारण दर्शाते हुऐ दिल्ली वालों को यह कह कर डराने का प्रयास किया है. सरकार ने पटाखे चलाने वालों के विरूद्ध कार्रवाई के लिए 408 विशेष टीमें बनाई हैं, उस सब को देख दिल्ली की जनता भौचक्की है. उन्होंने कहा कि दिवाली अभी 5 दिन दूर है कोई पटाखे नहीं चल रहे पर फिर भी काफी प्रदूषण फैला है, जिसका मूल कारण है पंजाब में जलाई जा रही पराली और दिल्ली की सड़कों पर बढ़ी धूल मिट्टी एवं वाहन प्रदूषण है.

यह देख कर अचंभा होता की गत वर्ष तक जो मंत्री गोपाल राय सर्दियों में प्रदूषण घटाने के लिए पंजाब के पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई की मांग करते थे वह चुप है. जबकि पंजाब में भी उनकी आम आदमी पार्टी की सरकार है. इसी तरह मंत्री गोपाल राय के पास धूल मिट्टी एवं वाहनों से होने वाले प्रदूषण पर भी कोई नीतिगत योजना नही है. दिल्ली के लोग भलीभांति जानते है की प्रदूषण नियंत्रण की आड़ में केजरीवाल सरकार ने सबसे आसान टार्गेट दीवाली के पटाखों पर प्रतिबंध लगाया है. बेहतर होता मंत्री गोपाल राय अपनी सहयोगी पंजाब सरकार पर पराली जलाने वाले किसानों पर कार्रवाई के लिये दबाव बनाते. साथ ही घूल मिट्टी के प्रदूषण को घटाने के लियें निर्माण गतिविधियों पर नियंत्रण लगाने के साथ ही वाहन प्रदूषण घटाने के लियें सख्त कदम उठाती.

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