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GST काउंसिल की बैठक में शामिल हुईं वित्त मंत्री आतिशी, ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर नए टैक्स दरों का किया विरोध

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Published : Aug 2, 2023, 10:39 PM IST

जीएसटी काउंसिल की बैठक बुधवार को हुई. इसमें वित्त मंत्री आतिशी ने कहा कि गेमिंग इंडस्ट्री पर जीएसटी की नई दरों पर एक बार फिर विचार करने की जरूरत है. अगर ऐसा नहीं हुआ तो कई हजार नौकरियां चली जाएंगी.

Atishi attended the GST Council meeting
Atishi attended the GST Council meeting

नई दिल्ली: दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने 51वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफॉर्म पर नई टैक्स दरों का पुरजोर विरोध किया है. उन्होंने कहा कि देश में नए स्टार्ट-अप्स को प्रोत्साहित करने के लिए ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री पर थोपे गए जीएसटी की नई दरों पर पुनर्विचार करने की जरूरत है. लेकिन कई बार मांग करने के बावजूद केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस पर पुनर्विचार के लिए तैयार नहीं हुई.

वित्तमंत्री आतिशी ने कहा कि ऑनलाइन गेमिंग इंडस्ट्री देश में सबसे तेजी से बढ़ती इंडस्ट्री है. देश-विदेश में निवेशक इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं, जिसके चलते निवेशकों ने इसमें लाखों-करोड़ों डॉलर का निवेश किया है. ऐसे में तेजी से बढ़ते इस इंडस्ट्री पर भारी टैक्स का बोझ लादने से ये पूरी तरह ध्वस्त हो जाएगी. इससे लोग भारतीय स्टार्ट-अप्स में निवेश करने से कतरायेंगे और भारतीय स्टार्ट-अप्स इको-सिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

उन्होंने आगे कहा, एक तरफ केंद्र सरकार स्टार्ट-अप्स को प्रमोट करने की बात करती है लेकिन दूसरी ओर ऑनलाइन गेमिंग जो स्टार्ट-अप्स से निकला इतना बड़ा सेक्टर है, जिससे देश में करोड़ों डॉलर का निवेश हो रहा है. वर्तमान में यह सबसे तेजी से बढ़ता हुआ सेक्टर है और उस पर इतना ज्यादा टैक्स लगाया जा रहा है. ऐसे में ऑनलाइन गेमिंग सेक्टर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. इस सेक्टर में देशभर में 900 से ज्यादा स्टार्ट-अप्स है और नए स्टार्ट-अप्स तेजी से उभर भी रहे हैं. ये इंडस्ट्री हजारों की संख्या में रोजगार भी दे रही है. ऐसे में केंद्र सरकार को इन स्टार्ट-अप्स को प्रमोट करने की जरूरत है न कि इन्हें भारी टैक्स के बोझ के तले दबाकर धवस्त करने की.

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मंत्री आतिशी ने कहा कि देशभर में 40 करोड़ से ज्यादा लोग ऑनलाइन गेमिंग प्लेटफार्म पर गेम खेलते हैं. यदि गेमिंग पर 28% जीएसटी लगाया जाता है तो ये पूरी इंडस्ट्री खत्म हो जाएगी और इससे जुड़े 80% से ज्यादा स्टार्ट-अप्स बर्बाद हो जाएंगे. भविष्य में इसका असर पूरे स्टार्ट-अप इको-सिस्टम पर पड़ेगा. ये इंडस्ट्री ध्वस्त हो गई तो तत्काल 50,000 नौकरियां तो जाएंगी. साथ ही आगे से कोई भी निवेशक भारत के किसी भी स्टार्ट-अप में पैसे लगाने से कतराएगा और सोचेगा कि यदि मैं निवेश करता हूं तो और कल टैक्स से जुड़े नियम-कानून बदल जाते है तो मेरा नुकसान हो जाएगा.

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