नई दिल्ली: फिल्म निर्देशक विवेक अग्निहोत्री को दिल्ली हाईकोर्ट ने वर्ष 2018 के अवमानना मामले में सोमवार को तलब किया था. वे सुबह 11.45 बजे के लगभग कोर्ट में पेश हुए. इससे पहले 16 मार्च को अग्निहोत्री को व्यक्तिगत रूप से पेश होने का निर्देश दिया था, लेकिन, वह पेश नहीं हुए थे, जिसके बाद उन्हें 10 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया. विवेक ने यूं तो माफी मांग ली थी, इसके बावजूद कोर्ट ने पेश होने को कहा था. सुनवाई के बाद कोर्ट ने अवमानना के मामले से उनको बरी कर दिया. साथ ही सावधान भी किया कि उनको व सभी नागरिकों को कोर्ट के मामलों में सावधान रहना चाहिए.
कोर्ट ने विवेकअग्रिनहोत्री से कहा कि आप कहते हैं कि आपके मन में न्यायपालिका के लिए अत्यधिक सम्मान है और जानबूझकर ऐसा करने का इरादा नहीं था, इसलिए आपको जारी कारण बताओ नोटिस वापस लिया जाता है. आपको अवमाननाकर्ता के रूप में बरी किया जाता है. हालांकि, कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 24 मई के लिए तय कर दी.
दरअसल, मामला वर्ष 2018 है, जब विवेक अग्निहोत्री ने जस्टिस एस मुरलीधर (अभी ओडिशा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश) पर भीमा कोरेगांव हिंसा मामले में एक्टिविस्ट गौतम नवलखा को राहत देने और पक्षपात करने का आरोप लगाया था. तब गौतम नवलखा की नजरबंदी और ट्रांजिट रिमांड को अदालत द्वारा रद्द कर उन्हें बरी कर दिया गया था. इसी को लेकर अग्निहोत्री ने जस्टिस एस मुरलीधर पर आरोप लगाते हुए ट्विट कर विवादित कमेंट किया था.