नई दिल्लीः सनातन धर्म में हर एक महीने का अपना एक विशेष महत्व होता है. चैत्र मास से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है जबकि अंतिम महीना फाल्गुन होता है. फाल्गुन माह में आने वाले दो प्रमुख त्योहार होली और महाशिवरात्रि हैं. फाल्गुन को उल्लास और आनंद का महीना भी कहा जाता है. इसी महीने में ठंड की समाप्ति और गर्मी की शुरुआत होती है. फाल्गुन का महीना हर साल फरवरी और मार्च के बीच पड़ता है. फाल्गुन माह की समाप्ति होते ही हिंदू धर्म के नववर्ष का आगमन हो जाता है.
6 फरवरी 2023 यानी सोमवार से फाल्गुन महीने की शुरुआत हो रही है. 7 मार्च 2021 यानी कि मंगलवार को फाल्गुन महीना समाप्त होगा. धार्मिक दृष्टि से फाल्गुन का महीना बेहद पवित्र माना गया है. फाल्गुन महीने में मां लक्ष्मी, भगवान शंकर, चंद्र देव और श्री कृष्ण की पूजा की जाती है. इस महीने में व्रत और दान आदि का भी काफी महत्व बताया गया है. फाल्गुन महीने में व्रत और पूजा करने से सुख, समृद्धि, स्थिरता और वैभव की प्राप्ति होती है. आपको बताते हैं कि फाल्गुन महीने में कौन कौन से प्रमुख व्रत और त्योहार हैं.
० 9 फरवरी 2023 (गुरुवार) - द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी
फाल्गुन माह की संकटी चतुर्थी को द्विजप्रिय संकटी चतुर्थी (Dwijapriya Sankashti Chaturthi 2023) कहते हैं. संकष्टी चतुर्थी 9 फरवरी 2023 (गुरुवार) को है. द्विजप्रिय संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि-विधान से माता गौरी और भगवान गणेश की पूजा करने से सभी दुख दूर होते हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है. नियत दिन गणेश जी की पूजा, व्रत, कथा और आरती करके भोग लगाया जाता है.
० 12 फरवरी 2023 (रविवार) - यशोदा जयंती
फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की षष्ठी को यशोदा जयंती (Yashoda Jayanti 202) मनाई जाती है. धार्मिक मान्यता है कि मैया यशोदा की पूजा-उपासना करने से साधक के जीवन में सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है.
० 13 फरवरी 2023 (सोमवार) - कुंभ संक्रांति, शबरी जयंती, कालाष्टमी
सूर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो उसे संक्रांति कहते हैं. जिस राशि में सूर्य ग्रह प्रवेश करते हैं उसी राशि की संक्रांति होती है. 13 फरवरी (सोमवार) को कुंभ संक्रांति (Kumbh Sankranti 2023) है.
० 14 फरवरी 2023 (मंगलवार) - जानकी जयंती
फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जानकी जयंती (Janki Jayanti 2023) मनाई जाती है. 14 फरवरी (मंगलवार) को जानकी जयंती मनाई जाएगी. जानकी जयंती के दिन सीता मैया की जन्म राजा जनक और रानी सुनयना के यहां हुआ था.
० 16 फरवरी 2023 (गुरुवार) - विजया एकादशी
सनातन धर्म में विजया एकादशी व्रत (Vijya Ekadashi Vrat 2023) का विशेष महत्व है. विजया एकादशी व्रत को विधि पूर्वक करने से शक्तिशाली शत्रुओं की पराजय होती है. एकादशी का व्रत सभी व्रतो में श्रेष्ठ माना गया है. विजया एकादशी व्रत और पूजा विधि के कुछ खास नियम हैं, जो एकादशी तिथि से एक दिन पहले शुरू हो जाते हैं.
० 18 फरवरी 2023 (शनिवार) - महाशिवरात्रि, प्रदोष, शनि प्रदोष व्रत
हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि (Mahashivrati 2023) पर्व बेहद ही खास माना जाता है. इस दिन रात्रि में शिव और माता पार्वती पृथ्वी पर भ्रमण करते हैं. रात्रि में जो लोग उनका पूजन अर्चन करते हैं, उन्हें भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है. शिवरात्रि शिव और शक्ति के मिलन का महापर्व है. इस खास दिन शिव तांडव स्तोत्र का भी पाठ किया जाता है. शिव स्तोत्र रावण ने अपने आराध्य शिव के लिए रचना की थी.