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टिकरी बॉर्डर पर 50 दिनों से डटे किसान, बोले- जब तक मांगें पूरी नहीं होंगी, हम नहीं हटेंगे - बीते 50 दिनों से किसानों का प्रदर्शन जारी

दिल्ली के टिकरी बॉर्डर पर किसान बीते 50 दिनों से प्रदर्शन कर रहे हैं. इस आंदोलन में अब तक करीब 80 किसानों की सर्दी की वजह से मौत हो चुकी है. इन किसानों का कहना है कि जब तक इन कानूनों का वापस नहीं लिया जाता वो बॉर्डर पर ही डटे रहेंगे.

Farmers protest for 50 days at tikari border
टिकरी बॉर्डर पर किसानों के 50 दिन

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Published : Jan 14, 2021, 1:35 PM IST

नई दिल्ली:1947 से भारत के विभाजन कि वह तस्वीर और 1984 के दंगे हम सभी को याद है. इन्हीं ऐतिहासिक घटनाओं को याद कर किसान इन दिनों दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं. पंजाब हरियाणा के किसान टिकरी बॉर्डर पर पिछले 50 दिनों से धरना दे रहे हैं और कृषि कानून के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं.

टिकरी बॉर्डर पर किसानों के 50 दिन

पंजाब और हरियाणा के किसान टिकरी बॉर्डर पर पिछले 50 दिनों से धरना दे रहे हैं. कृषि कानून के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इस आंदोलन में किसान इन ऐतिहासिक घटनाओं और कई क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर पोस्टर लगाकर अपनी आवाज उठा रहे हैं.


'जब तक कानून वापस नहीं होगा हम डटे रहेंगे'
पंजाब से आए किसान विकास सारण ने बताया कि पिछले 50 दिनों से हम टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं और इन दिनों हमें बेहद परेशानियां भी देखने को मिली. कई बार प्रशासन ने हमें हटाने की कोशिश की. पुलिस प्रशासन ने भी हमें हटाने के लिए कई प्रयास किए. लेकिन हम यहां डटे हुए हैं और जब तक कृषि कानून वापस नहीं होगा तब तक हम यहीं डटे रहेंगे.



क्रांतिकारी योद्धा से प्रेरणा ले रहे किसान


बठिंडा से आए बुजुर्ग किसान ने कहा कि 50 दिनों में सबसे पहले यहां आकर रहने के लिए व्यवस्था बनाई. अपने ट्रक में ही रहने की व्यवस्था की और जैसे जैसे किसान बढ़ते गए. उनके लिए अस्थाई रूप से तिरपाल लगाकर टेंट बनाया, जहां पर कुछ और लोग रहने लगे और इस ठंड और सर्दी से बचाव करते हुए हम इन्हीं टेंट में रह रहे हैं.

ईटीवी भारत की टीम जब यहां पहुंची तो देखा कि इन टेंट के अंदर किसानों ने अपने सोने बैठने और खाना बनाने की भी व्यवस्था की हुई है. टेंट के अंदर कई क्रांतिकारी योद्धाओं की तस्वीर भी लगी हुई है. जिससे किसान प्रेरणा लेते हुए अपने आंदोलन कर रहे हैं.

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ठंड और बारिश से लगातार जा रही किसानों की जान


आंदोलन में 70 से 80 साल के बुजुर्ग भी शामिल है. जो अपनी उम्र को परे रखते हुए पूरे जोश और जुनून के साथ टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं. इन बुजुर्ग किसानों ने कहा कि ठंड और बारिश के कारण काफी परेशानी आ रही है. लेकिन हम अपनी मांगों को लेकर यहीं डटे रहेंगे. जब तक कि सरकार उन्हें मना नहीं लेती.

बुजुर्ग किसानों ने बताया कि करीब 80 बुजुर्गों की ठंड के कारण मौत हो गई है. लेकिन सरकार अभी भी नहीं सुन रही है. किसानों ने कहा कि कौन किसान चाहता है कि वह अपना घर बार और खेती बाड़ी छोड़ कर यहां सड़कों पर बैठे, लेकिन सरकार ने हमें मजबूर किया हुआ है.

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