नई दिल्ली:1947 से भारत के विभाजन कि वह तस्वीर और 1984 के दंगे हम सभी को याद है. इन्हीं ऐतिहासिक घटनाओं को याद कर किसान इन दिनों दिल्ली के अलग-अलग बॉर्डर पर डटे हुए हैं. पंजाब हरियाणा के किसान टिकरी बॉर्डर पर पिछले 50 दिनों से धरना दे रहे हैं और कृषि कानून के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं.
पंजाब और हरियाणा के किसान टिकरी बॉर्डर पर पिछले 50 दिनों से धरना दे रहे हैं. कृषि कानून के विरोध में अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं. इस आंदोलन में किसान इन ऐतिहासिक घटनाओं और कई क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों की तस्वीर पोस्टर लगाकर अपनी आवाज उठा रहे हैं.
'जब तक कानून वापस नहीं होगा हम डटे रहेंगे'
पंजाब से आए किसान विकास सारण ने बताया कि पिछले 50 दिनों से हम टिकरी बॉर्डर पर धरना दे रहे हैं और इन दिनों हमें बेहद परेशानियां भी देखने को मिली. कई बार प्रशासन ने हमें हटाने की कोशिश की. पुलिस प्रशासन ने भी हमें हटाने के लिए कई प्रयास किए. लेकिन हम यहां डटे हुए हैं और जब तक कृषि कानून वापस नहीं होगा तब तक हम यहीं डटे रहेंगे.
क्रांतिकारी योद्धा से प्रेरणा ले रहे किसान
बठिंडा से आए बुजुर्ग किसान ने कहा कि 50 दिनों में सबसे पहले यहां आकर रहने के लिए व्यवस्था बनाई. अपने ट्रक में ही रहने की व्यवस्था की और जैसे जैसे किसान बढ़ते गए. उनके लिए अस्थाई रूप से तिरपाल लगाकर टेंट बनाया, जहां पर कुछ और लोग रहने लगे और इस ठंड और सर्दी से बचाव करते हुए हम इन्हीं टेंट में रह रहे हैं.