दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

आंदोलन की तैयारी में नीलवाल के किसान, लैंड पूलिंग पॉलिसी में रजिस्ट्रेशन को रद्द कराने की रखी मांग

नीलवाल गांव के किसानों ने मंगलवार को बैठक की. इसमें सभी किसानों ने सर्वसम्मति से लैंड पूलिंग पॉलिसी में जमीन के रजिस्ट्रेशन को रद्द करवाने का फैसला लिया है. वहीं, अगर रजिस्ट्रेशन रद्द नहीं होगा, तो सभी किसान मिलकर आंदोलन करेंगे.

Etv Bharat
Etv Bharat

By

Published : Mar 14, 2023, 4:32 PM IST

नई दिल्ली:दिल्ली देहात के इलाकों में डीडीए द्वारा लैंड पूलिंग पॉलिसी में रजिस्ट्रेशन के नाम पर किसानों की जमीन के रजिस्ट्रेशन को रद्द करवाने के लिए किसानों ने कमर कस ली है. दरअसल, नीलवाल गांव के किसानों ने बैठक की और इस रजिस्ट्रेशन को रद्द करवाने की योजना पर चर्चा की.

डीडीए के खिलाफ किसानों द्वारा आंदोलन की तैयारी:दिल्ली मास्टर प्लान 2021 की समयावधि को समाप्त हुए भी एक साल से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन दिल्ली देहात के किसानों को डीडीए द्वारा जो वादे किए गए थे वह पूरे नहीं किए गए, जिसको लेकर अब किसान लामबंद हो गए हैं और नीलवाल गांव के किसानों का कहना है कि हमारी जमीन को दिल्ली विकास प्राधिकरण ने बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाकर पोर्टल के जरिए रजिस्ट्रेशन करवाकर बंधक बना लिया है.

इसके अलावा किसानों ने इन आरोप के प्रमाण देते हुए बताया कि जब लैंड पूलिंग पॉलिसी नही बनी थी उस समय हमारी जमीन का रेट 5 करोड़ रुपए प्रति एकड़ था और ऐसे में किसान अपनी जमीन बेचने को तैयार नही थे और जमीन खरीदने वाली पार्टी उनके चक्कर लगाती रहती थी.

रजिस्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग:रजिस्ट्रेशन के बाद तो हमारी जमीन की कीमत 2 करोड़ रुपए प्रति एकड़ भी नहीं है. आज हालात यह है कि जिस किसान को किसी कारणवश अपनी जमीन बेचना पड़ रहा है, तो किसान को प्रति एकड़ एक से डेढ़ करोड़ रुपए में ही बेचनी पड़ रही है. किसानों की मांग है कि अब जब दिल्ली मास्टर प्लान 2021 की समयसीमा समाप्त हो गई है और योजना धरातल पर नहीं उतर पाई है तो ऐसे सभी किसानों की जमीन के रजिस्ट्रेशन तत्काल प्रभाव से रद्द किए जाए.

दिल्ली देहात मोर्चा और जय किसान आंदोलन दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष राजीव यादव के अनुसार सर्वसम्मति से फैसला हुआ कि हम इसी तरह सभी 104 गांव के किसानों से संपर्क करेंगे और दिल्ली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष उपराज्यपाल के नाम पर एक पत्र लिखकर किसानों के हस्ताक्षर अभियान के तहत ज्यादातर किसानों की सहमति लेकर उपराज्यपाल के पास भेजेंगे.

इसमें मांग रखेंगे की अगर किसानों की जमीन को मुक्त नहीं किया गया यानी इन किसानों की जमीन के रजिस्ट्रेशन को रद्द नहीं किया गया, तो किसान अपने आंदोलन को तेज करते हुए उपराज्यपाल निवास पर धरना प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे. किसानों की इस महत्वपूर्ण बैठक में नीलवाल गांव के किसान चौधरी दिलबाग सिंह, संतराम, साहिब सिंह, बिजेंद्र सिंह, कुलदीप, संजय, सुखबीर, वेदसिंह, राज सिंह, जयदेव, दलबीर, सत्यवान, जयप्रकाश, देवेंद्र सिंह, जितेंद्र डागर (समसपुर खालसा), राजीव यादव (दरियापुर खुर्द) आदि ने बाग लिया.

ये भी पढ़ें:DTC Bus Service: अब दिल्ली से चंडीगढ़ तक इलेक्ट्रिक बसें चलाएगा दिल्ली परिवहन निगम

ABOUT THE AUTHOR

...view details