नई दिल्ली :दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा 'मोदी @ 20 : ड्रीम्स मीट डिलीवरी' किताब पर एक विशेष चर्चा का आयोजन किया गया. यह कार्यक्रम दिल्ली विश्वविद्यालय के वाईस रीगल लॉज के कन्वेंशन हॉल में आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में केंद्रीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए, जबकि कार्यक्रम की अध्यक्षता डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने की. किताब पर चर्चा करते हुए मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी नीतिगत अंतर्दृष्टि वाले नेता हैं." बता दें कि यह कार्य विश्वविद्यालय द्वारा शताब्दी वर्ष समारोह के दौरान आयोजित होने वाले आयोजनों के तहत ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर ने अपने संबोधन में कहा कि "यह किताब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीवनी नहीं है बल्कि एक ऐसी असाधारण किताब है जिसे मौजूदा कैबिनेट मंत्री और मौजूदा एनएसए से लेकर सभी क्षेत्रों के लोगों ने एक साथ मिलकर लिखा है." उन्होंने कहा कि "इस किताब में एक मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक शासन की यात्रा को आगे बढ़ाने वाले नेतृत्व की एक पीढ़ी को कवर किया गया है. किताब में संग्रहित न केवल उनके अपने स्वयं के लेखन से, बल्कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और एनएसए अजीत डोभाल के लेखों के अंशों पर भी चर्चा की." उन्होंने कहा कि "पुस्तक के कथानक के साथ पीएम मोदी का व्यक्तित्व बदल जाता है. आज उन्होंने जो अंश प्रस्तुत किए हैं, वे उनके व्यक्तित्व का एक पक्ष दिखाएंगे और यदि वह पीवी सिंधु या सुधा मूर्ति के लेखन से पढ़ेंगे तो परिप्रेक्ष्य पूरी तरह से बदल जाएगा." जयशंकर ने अमित शाह के शब्दों का सहारा लेते हुए कहा कि "भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं को तब राष्ट्रीय नेता माना जाता था, लेकिन आजादी के बाद के वर्षों में नेता की वह परिभाषा कमजोर होती गई. अब पीएम मोदी हैं जो एक राष्ट्रीय नेता का उदाहरण बने हैं. इसके अलावा, गठबंधन में, उन्होंने अमित शाह के विचारों को प्रतिध्वनित करते हुए कहा कि यह राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं का समझौता है और भारतीय लोकतंत्र पर एक स्थायी अभिशाप है. गुजरात में मोदीजी के काम को एक प्रतिबिंब के रूप में लेते हुए उन्होंने कहा कि एक मुख्यमंत्री के रूप में पीएम मोदी चुनावी चक्र के अनुसार चुनाव को ध्यान में रख कर काम नहीं कर रहे थे, बल्कि गुजरात को अगले दशक और आने वाली पीढ़ी के लिए एक राज्य बनाने की दृष्टि से काम कर रहे थे."
केंद्रीय मंत्री एस. जयशंकर ने अमित शाह और अपने व्यक्तिगत अनुभवों का हवाला देते हुए कहा कि "दुनिया के किसी भी हिस्से में जब भी कोई भारतीय संकट में होता है तो उसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुलभ और भरोसेमंद रहे. यह माना जाता था कि वह परिवार के मुखिया और भरोसेमंद बड़े भाई की तरह हैं, जिसमें भारत की आशाएं और आकांक्षाएं निहित हैं. वह दुनिया भर में भारत और भारतीयों के प्रहरी बन गए हैं और अब पीएम मोदी पर भरोसा का युग शुरू हो गया है." किताब में अपने लेखों के अंशों के माध्यम से जयशंकर ने कहा कि "मोदी नई सोच, नए विचारों और सुधारों के युग को सिस्टम में लाए हैं." उन्होंने कहा कि "जब मोदी को अंतरराष्ट्रीय संबंधों में नौसिखिया माना जाता था, तब उन्होंने 2014 में अपने शपथ ग्रहण समारोह में ही पड़ोसी देशों के वैश्विक नेताओं को अतिथि के रूप में आमंत्रित करके दुनिया को संदेश दे दिया था. इससे विदेशी संबंधों और कूटनीति के एक नए युग की शुरुआत हुई. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी अपनी खुद की नीतिगत अंतर्दृष्टि वाले नेता हैं और अनजान रास्ते पर चलने से कभी नहीं डरते हैं."